पीएम मोदी से मिलीं अमेरिकी खुफिया चीफ, भारत बोला- खालिस्तानी पन्नू के खिलाफ लें ऐक्शन
- पीएम मोदी के साथ यह मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड के बीच बातचीत के बाद हुई, जिसमें उन्होंने अमेरिका से खालिस्तानी आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस और इसके संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ ऐक्शन लेने की मांग रखी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से आज शाम नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान गबार्ड ने इस्लामी आतंकवाद के खतरे को हराने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। इसे उन्होंने अमेरिकी लोगों के लिए सीधा खतरा बताया। गबार्ड ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी भी आतंकवाद के खतरे को गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश इस लगातार खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आतंकवाद पर गबार्ड ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि इसका भारत, बांग्लादेश, सीरिया, इजरायल और मध्य पूर्व के कई देशों में लोगों पर कैसा प्रभाव पड़ रहा है। मैं जानती हूं कि यह एक ऐसा खतरा है जिसे पीएम मोदी भी गंभीरता से लेते हैं। इसलिए, दोनों देशों के नेता इस खतरे को पहचानने और उसे हराने के लिए मिलकर काम करेंगे।'
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पीएम मोदी के साथ यह मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड के बीच बातचीत के बाद हुई, जिसमें उन्होंने अमेरिका से खालिस्तानी आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस और इसके संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ ऐक्शन लेने की मांग रखी। राजनाथ सिंह ने बैठक में अमेरिकी धरती पर भारतीय हितों के खिलाफ काम कर रहे खालिस्तानियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस की भारत विरोधी गतिविधियों पर चर्चा की, जिसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने के लिए देश में प्रतिबंधित किया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया, 'भारत की ओर से अपनी चिंता जाहिर की गई और अमेरिकी प्रशासन से गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा।'
चीनी सेना की बढ़ती आक्रामकता पर चर्चा
तुलसी गबार्ड भारत की ढाई दिन की यात्रा पर रविवार तड़के राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली आईं। यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। समझा जाता है कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती सुरक्षा स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया। इससे एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और तुलसी गबार्ड ने रविवार को द्विपक्षीय वार्ता की थी। इन्होंने दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
सुरक्षा को लेकर बंद कमरे में बैठक
तुलसी गबार्ड कनाडा के खुफिया विभाग के प्रमुख डेनियल रोजर्स और ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल दुनियाभर के उन शीर्ष खुफिया अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत की ओर से आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया। बंद कमरे में हुई इस वार्ता पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया। माना जा रहा है कि खुफिया और सुरक्षा विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने आतंकवाद, उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने और आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।