मोदी-ट्रंप में सीधी बातचीत, टैरिफ वार पर बोलीं US खुफिया चीफ तुलसी गबार्ड- भारत के लिए यह अवसर
तुलसी गबार्ड ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मैंने भारतीय सरकार के अधिकारियों से जो बात की है, उससे पता चलता है कि अमेरिका द्वारा लगाया गया टैरिफ यहां एक अवसर बनकर आया है।

आधिकारिक यात्रा पर भारत आईं अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ वार पर कहा कि इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर सीधी बातचीत हुई है। नई दिल्ली में थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के वार्षिक रायसीना डायलॉग्स के मौके पर बात करते हुए तुलसी गबार्ड ने कहा कि यह समय भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का बड़ा और अच्छा अवसर है।
तुलसी गबार्ड ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मैंने भारतीय सरकार के अधिकारियों से जो बात की है, उससे पता चलता है कि अमेरिका द्वारा लगाया गया टैरिफ यहां एक अवसर बनकर आया है।" उन्होंने कहा कि इसमें हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की अधिक संभावनाएं हैं। गबार्ड ने कहा, "मुझे यह देखकर खुशी हुई कि यहां इसे अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण से लिया जा रहा है, न कि केवल उस दृष्टिकोण से जो टैरिफ को देखते समय नकारात्मक रूप से केंद्रित होता है।"
PM मोदी सर्वोत्तम अवसर देख रहे: तुलसी गबार्ड
गबार्ड ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत की अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के लिए उपलब्ध अवसरों के सर्वोत्तम हित में देख रहे हैं। इसी तरह, राष्ट्रपति ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका, हमारे आर्थिक हितों और अमेरिकी लोगों के हितों के लिए भी यही कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी दोनों ही "अच्छे समाधान" की तलाश में हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने सोमवार को कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें विशेष रूप से रक्षा और सूचना साझा करने के क्षेत्रों में भारत एवं अमेरिका के बीच सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। गबार्ड भारत की ढाई दिन की यात्रा पर रविवार तड़के राष्ट्रीय राजधानी आईं। यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख से मिलकर ‘‘खुशी’’ हुई और उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने के उद्देश्य से रक्षा और सूचना साझा करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।’’ इससे एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और गबार्ड ने रविवार को द्विपक्षीय वार्ता की थी और दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल और गबार्ड ने आमने-सामने की बैठक में भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने और सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की। अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक गबार्ड, कनाडा के खुफिया विभाग के प्रमुख डेनियल रोजर्स और ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल दुनियाभर के उन शीर्ष खुफिया अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने यहां भारत द्वारा आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया।
बंद कमरे में हुई इस वार्ता पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। माना जा रहा है कि खुफिया और सुरक्षा विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने तथा आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। (भाषा उनपुट्स के साथ)