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एयर स्पेस बंद होने से बढ़ रही एयरलाइनों की मुश्किलें

एयरलाइंस अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते संघर्ष क्षेत्रों के कारण ऑपरेशन और मुनाफे पर बोझ बढ़ रहा है। कंपनियां मिसाइल, ड्रोन और एयर स्पेस के बंद होने जैसे खतरों से जूझ रही हैं। इस माहौल में उड़ान योजना...

डॉयचे वेले दिल्लीWed, 4 June 2025 01:07 PM
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एयर स्पेस बंद होने से बढ़ रही एयरलाइनों की मुश्किलें

एयरलाइंस अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते संघर्ष क्षेत्र एयरलाइन ऑपरेशन और मुनाफे पर बोझ बढ़ा रहे हैं, क्योंकि कंपनियां मिसाइल, ड्रोन और एयर स्पेस के बंद होने जैसे खतरे से जूझ रही हैं.विमान कंपनियों की लागत में वृद्धि हो रही है और वे अकसर कम समय में रद्द की गई उड़ानों और महंगे री-रूटिंग के कारण बाजार में हिस्सेदारी खो रहे हैं.विमानन उद्योग, जो अपने सुरक्षा प्रदर्शन पर गर्व करता है अब डेटा और सिक्युरिटी प्लानिंग में अधिक निवेश कर रहा है.यूरोपीय एयरलाइन टीयूआई एयरलाइन में विमानन सुरक्षा का नेतृत्व करने वाले गाई मर्रे ने कहा, "इस तरह के माहौल में उड़ान की योजना बनाना बेहद मुश्किल है, एयरलाइन उद्योग पूर्वानुमान पर निर्भर करता है और इसकी गैरमौजूदगी हमेशा अधिक लागत को बढ़ावा देगी"रूसी सैनिक अड्डे पर यूक्रेन का ड्रोन से बड़ा हमलादेशों के बीच संघर्ष, फ्लाइट कंपनियों की मुसीबतरूस और यूक्रेन के आसपास, पूरे मध्य पूर्व में और भारत व पाकिस्तान के बीच और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में एयर स्पेस बंद होने के कारण एयरलाइनों के पास कम मार्ग विकल्प बचे हैं.उड़ान जोखिम संबंधी जानकारी साझा करने वाले संगठन ओपीएसग्रुप के संस्थापक मार्क जी ने कहा, "पांच साल पहले की तुलना में अब यूरोप-एशिया उड़ान में शामिल आधे से अधिक देशों की हर उड़ान से पहले सावधानीपूर्वक समीक्षा की जरूरत होती है"अक्टूबर 2023 से मध्य पूर्व में इस्राएल-फलीस्तीनी संघर्ष के कारण कर्मिशियल उड़ानों ने प्रमुख फ्लाइट रूट पर ड्रोन और मिसाइलों के साथ कम समय में आसमान साझा किया - जिनमें से कुछ कथित तौर पर पायलटों और यात्रियों द्वारा देखे जाने के लिए काफी करीब थे.मॉस्को समेत रूसी हवाईअड्डे अब ड्रोन गतिविधि के कारण नियमित रूप से थोड़े समय के लिए बंद हो रहे हैं, जबकि नेविगेशन सिस्टम में दखल, जिसे जीपीएस स्पूफिंग या जैमिंग के रूप में जाना जाता है दुनिया भर में बढ़ रहा है मई के महीने में जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था, तो दोनों पड़ोसियों ने एक-दूसरे के विमानों को अपने हवाई क्षेत्रों में दाखिल होने से रोक दिया.अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) के ऑपरेशंस और सेफ्टी के उपाध्यक्ष निक कैरिन ने मंगलवार को नई दिल्ली में एयरलाइन निकाय की वार्षिक बैठक में संवाददाताओं से कहा, "हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल प्रतिशोधात्मक उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा किया जा रहा है"जब हमले का शिकार हो जाते विमानमामला सिर्फ पैसों का नहीं है, नागरिक विमानन की सबसे खराब स्थिति यह है कि विमान पर गलती से या जानबूझकर हथियार से हमला हो जाए.पिछले साल दिसंबर में अजरबैजान एयरलाइंस का एक विमान कजाकस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 38 लोग मारे गए.अजरबैजान के राष्ट्रपति और रॉयटर्स के सूत्रों के अनुसार, विमान को रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने गलती से मार गिराया गया था.क्या विमानों में पीछे की सीटें ज्यादा सुरक्षित होती हैं?अक्टूबर में सूडान में एक मालवाहक विमान को मार गिराया गया था, जिसमें पांच लोग मारे गए थे.विमानन जोखिम परामर्श कंपनी ऑस्प्रे फ्लाइट सॉल्यूशंस के मुताबिक, 2001 से अब तक छह वाणिज्यिक विमानों को मार गिराया गया है, जिनमें से तीन के साथ दुर्घटना होते-होते बची थी

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