भारतीयों से किस कदर नफरत करता था तहव्वुर राणा, 166 लोगों की मौत पर बोली थी यह घिनौनी बात
- तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद अमेरिका ने कहा है कि नवंबर 2008 में हुए इन आतंकवादी हमलों ने पूरे विश्व को झकझोर दिया था और अमेरिका इनके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन करता रहा है।

17 साल पहले मुंबई को जख्म देने वाला तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है। उसे लेकर एक और खुलासा हुआ है कि वह 26 नवंबर 2008 में हमला करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान का सबसे बड़ा बहादुरी पुरस्कार दिलाना चाहता था। इतना ही नहीं उसने कथित तौर पर आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से कहा था कि भारतीय इस हमले के 'लायक' थे। आतंकवादियों के उस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से ज्यादा घायल हुए थे।
अमेरिका के न्याय विभाग की तरफ से जारी विज्ञप्ति में राणा और हेडली के बीच बातचीत का जिक्र है। इसमें कहा गया है, 'हमले के बाद राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा था कि भारतीय इसके लायक हैं। हेडली के साथ इंटरसेप्टेड बातचीत में राणा ने हमले में मारे गए लश्कर ए तैयबा के 9 आतंकवादियों की कथित तौर तारीफ की थी।' करीब 10 आतंकियों ने मुंबई में अलग-अलग स्थानों पर हमला किया था।
विज्ञप्ति में बताया गया है, 'राणा ने कहा था कि उन्हें निशान ए हैदर मिलना चाहिए।' खास बात है कि निशान ए हैदर पाकिस्तान का जंग में मिलने वाला सबसे बड़ा बहादुरी पुरस्कार है, जो शहीद हुए सैनिकों को मिलता है।
क्या बोला अमेरिका
राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद अमेरिका ने कहा है कि नवंबर 2008 में हुए इन आतंकवादी हमलों ने पूरे विश्व को झकझोर दिया था और अमेरिका इनके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन करता रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ने 64 वर्षीय राणा को 'भयानक 2008 मुंबई आतंकवादी हमलों के षड्यंत्र में उसकी भूमिका के कारण न्याय का सामना करने के लिए' नौ अप्रैल को भारत प्रत्यर्पित किया।
इससे पहले, अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई’ से कहा था कि राणा का प्रत्यर्पण इस बर्बर हमले के पीड़ितों के लिए 'न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम' है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका ने राणा को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया।
प्रवक्ता ने ‘पीटीआई’ को दिए एक बयान में कहा, 'राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो बर्बर हमलों में मारे गए थे।'
NIA ने मुंबई हमलों के मुख्य आरोपी राणा को शुक्रवार को 18 दिन की हिरासत में ले लिया। उससे 26/11 के आतंकवादी हमले की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए विस्तार से पूछताछ की जाएगी।