ड्रॉ को बीते पांच साल, अब भी आवंटियों को मकान का इंतजार; GDA के चक्कर काटने को मजबूर लोग
प्रधानमंत्री आवासीय योजना में पांच साल पहले ड्रॉ होने के बाद भी अब तक आवंटियों को फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला है। आवंटी जीडीए के चक्कर काट रहे हैं और अधिकारी जल्द मकान देने का आश्वासन दे रहे हैं। इस हफ्ते जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में भी यह मुद्दा उठा।

प्रधानमंत्री आवासीय योजना में पांच साल पहले ड्रॉ होने के बाद भी अब तक आवंटियों को फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला है। आवंटी जीडीए के चक्कर काट रहे हैं और अधिकारी जल्द मकान देने का आश्वासन दे रहे हैं। जीडीए ने प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अंतर्गत वर्ष 2018 में मधुबन बापूधाम योजना में पहला प्रोजेक्ट शुरू किया।
प्रोजेक्ट में कुल 856 फ्लैट बनेंगे, जिन्हें 2020 तक पूरा करना था। इसका ड्रॉ भी पांच साल पहले निकाल दिया था, लेकिन प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने के कारण आवंटियों को अब तक फ्लैटों पर कब्जा नहीं दिया जा सका। अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर फ्लैट बनकर तैयार है, लेकिन अन्य विभागों ने अपना काम शुरू नहीं किया। जल निगम को पानी और सीवरेज लाइन डालने का काम करना है। पावर कॉरपोरेशन को विद्युतीकरण का कार्य और लोकनिर्माण विभाग को सड़क बनानी है।
बैठक में भी उठा मुद्दा
इस हफ्ते जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में भी प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत चल रहे प्रोजेक्ट को पूरा कर आवंटियों को सौंपने का मुद्दा उठा था। इसमें सांसद अतुल गर्ग ने जीडीए को निर्देश दिए थे कि प्रोजेक्ट जल्द पूरा किया जाए, ताकि आवंटियों को फ्लैट पर कब्जा मिल सके।
जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियांता मानवेंद्र सिंह ने कहा, 'जीडीए इन प्रोजेक्ट का तेजी से निर्माण करा रहा है। मधुबन बापूधाम में लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन बाहरी कार्य करने वाले अन्य विभाग अपना काम शुरू नहीं कर रहे। इस देरी हो रही है।'
जीडीए की पांच परियोजनाएं चल रहीं
जीडीए की इस योजना के तहत पांच प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें कुल 3,496 फ्लैट तैयार कराए जा रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से मधुबन बापूधाम योजना में 856, डासना में 432, प्रताव विहार में 1,200, नूरनगर में 480 और निवाड़ी में 528 फ्लैट तैयार हो रहे हैं। योजना में कई फ्लैट का ड्रॉ हो चुका है। इन सभी प्रोजेक्ट के बाहरी विकास कार्य अन्य विभागों को पूरे करने हैं, जिस पर 51.8 करोड़ रुपये खर्च होंगे।