BJP ने की दिल्ली में सरकारी संपत्तियों से AAP के होर्डिंग-पोस्टर हटाने की मांग, मंत्री को लिखा पत्र
दिल्ली भाजपा ने ‘आप’ के मुखिया और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के चेहरे वाले होर्डिंग और पोस्टर हटाने की मांग की है। भाजपा ने कहा कि 'आप' को दिल्ली में सत्ता छोड़े हुए तीन महीने हो गए हैं और सरकारी संपत्तियों पर उनके नेताओं के चेहरे का प्रदर्शन अब बंद होना चाहिए।

दिल्ली भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के चेहरे वाले होर्डिंग, पोस्टर और फिक्सचर को हटाने की मांग की है। भाजपा ने कहा कि 'आप' को दिल्ली में सत्ता छोड़े हुए करीब तीन महीने हो गए हैं और सरकारी संपत्तियों पर उनके नेताओं के चेहरे का प्रदर्शन अब बंद होना चाहिए।
दिल्ली भाजपा के मुख्य प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के परिवहन एवं स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह को लिखे पत्र में कहा कि प्रचार का काम देख रहे लोगों को तुरंत ऐसे फोटो और बैनर हटाने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
कपूर ने ऑफिस की एक फोटो के साथ लिखा, “आज मेरी जानकारी में आया है कि मयूर विहार के आरटीओ ऑफिस में आने वाले विजिटर्स का स्वागत करने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के पोस्टर लगे हैं। इसी तरह, केजरीवाल कई मोहल्ला क्लीनिक के केबिनों पर भी नजर आते हैं। अगर यह नजारा मयूर विहार आरटीओ दफ्तर का है, तो यह दूसरी जगहों पर भी हो सकता है।”
एचटी ने इस पर प्रतिक्रिया लेने के लिए 'आप' से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन तत्काल कोई जवाब नहीं मिला।
वहीं, पंकज सिंह ने कहा कि बस स्टॉप या डिपो पर पूर्व सरकार के नेताओं की कोई फोटो नहीं है। उन्होंने कहा, "पिछली सरकार के अधिकांश बेकार पड़े मोहल्ला क्लीनिकों को भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर की बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ पहले से ही अपग्रेड किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से, सरकार बदलने के बाद सरकारी संपत्तियों और ऑफिशियल कम्युनिकेशन में हारने वाली पार्टी द्वारा इस्तेमाल किए गए फोटो और प्रतीकों को बदलना नई सरकार के लिए मानक प्रक्रिया है। ऐसे फोटो और दृश्यों को सभी चुनावों से पहले आदर्श आचार संहिता के दौरान अधिकारियों द्वारा भी ढक दिया जाता है।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जब आदर्श आचार संहिता लागू होती है, तो राजनीतिक नामों और चित्रों वाले साइनेज और बोर्ड या तो कागज से ढक दिए जाते हैं या उन पर पेंट कर दिया जाता है।
अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "अधिकतर मामलों में हारने वाले पक्ष की फोटो बहाल नहीं की जाती हैं, लेकिन दीवारों जैसी स्थायी सामग्री वाले बुनियादी ढांचे को चरणबद्ध हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे मामलों में, नए साइनबोर्ड या दीवार की सतह को पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रोजेक्ट-टू-प्रोजेक्ट आधार पर बदला जाएगा। आमतौर पर, नए विधायक ऐसी चीजों का ध्यान रखते हैं।"
वहीं, प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि पूर्व सीएम और 'आप' के अन्य नेताओं की फोटो पूरे शहर में देखी जा सकती हैं। इसलिए ऐसी सभी स्थानों की जांच की जानी चाहिए और इन फोटों को हटाया जाना चाहिए।
बता दें कि, भाजपा ने फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में 26 साल के अंतराल के बाद बड़ी जीत दर्ज कर सत्ता हासिल की है। पार्टी ने 70 में से 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और 48 पर जीत दर्ज की, जबकि 'आप' को 62 सीटों में से केवल 22 पर ही जीत मिली। केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित प्रमुख नेता अपनी-अपनी सीटों से चुनाव हार गए, जबकि आतिशी कालकाजी सीट जीतने में सफल रहीं।