शॉर्ट सर्किट से आग और फिर सिलेंडरों में धमाके, दिल्ली के रोहिणी में 4000 लोगों से छिनी छत
Delhi Rohini Jhuggis Fire : दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 इलाके की झुग्गियों में रविवार दोपहर करीब 12 बजे अचानक आग लग गई, जिसमें दो बच्चे जिंदा जल गए। वहीं, करीब चार हजार लोग बेघर हो गए।

राजधानी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 इलाके की झुग्गियों में रविवार दोपहर करीब 12 बजे अचानक आग लग गई, जिसमें दो बच्चे जिंदा जल गए। वहीं, करीब चार हजार लोग बेघर हो गए। हादसे में मरने वाले बच्चों की पहचान तीन वर्षीय सादिया और चार वर्षीय आलम के रूप में हुई है। आग लगने के बाद धुएं का गुब्बार दूर से ही दिखाई दे रहा था। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड कर्मी मौके पर पहुंचे, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दमकल की 30 गाड़ियों को आग पर काबू पाने को करीब 4 घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
आग लगने के सही कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। इस हादसे में 28 वर्षीय शबुल शेख भी घायल हुआ है। आग लगने की यह घटना रोहिणी के सेक्टर 17 में श्रीनिकेतन अपार्टमेंट के पास स्थित झुग्गी बस्ती की है।
छह सौ से ज्यादा झुग्गियां चपेट में आईं : फायर ब्रिगेड के मुताबिक, दोपहर 11:55 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। अनुमान के मुताबिक, करीब छह सौ से ज्यादा झुग्गियां आग की चपेट में आई हैं। तलाशी के दौरान दो शव बरामद हुए हैं। पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे हैं।

दर्जनभर से ज्यादा सिलेंडर फटे
फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि आग लगने के दौरान करीब दर्जनभर से ज्यादा सिलेंडर फटे, जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग बुझाने का काम चल रहा था तो रुक-रुक कर कुछ झुग्गियों में रखे सिलेंडर ब्लास्ट हो रहे थे। सावधानीपूर्वक आग को काबू करने का ऑपरेशन चलाया गया। 50 से ज्यादा दकमल कर्मियों की टीम को मौके पर लगाया गया था। इस दौरान चार अलग-अलग श्रेणी में कर्मियों ने काम किया। दो टीमों ने आग पर काबू पाने का मोर्चा संभाला, जबकि एक टीम ने आग बुझने वाले स्थान पर कूलिंग का काम शुरू किया। वहीं एक टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाकर आग की चपेट में आने वालों का पता लगाने का प्रयास किया।
देरी से पहुंचने पर दमकल की गाड़ियों पर पथराव
स्थानीय लोगों का आरोप है कि हादसे के करीब 45 मिनट बाद फायर ब्रिगेड कर्मी मौके पर पहुंचे। इससे गुस्साए लोगों ने दमकल की गाड़ियों पर पथराव भी किया, जिसमें एक गाड़ी के शीशे टूट गए। एहतियात के तौर पर पुलिस बल को बुलाकर तैनात किया गया। पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया।
फायर ऑफिसर ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। संकरे रास्ते और गलियों के साथ बाउंड्री हो रखी थी। इसकी वजह से थोड़ा समय लगा। अधिक मात्रा में कबाड़ और ज्वलनशील पदार्थ होने की वजह से आग तेजी से फैली थी। वहीं, पीड़ितों ने बताया कि आग लगने से झुग्गी बस्ती स्थित कबाड़ का गोदाम और राशन की दुकान भी जलकर खाक हो गई। लोगों के लाखों के जेवरात, जरूरत का सामान और नकदी भी जल गई।

शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद सिलेंडरों में धमाके
स्थानीय लोगों ने बताया कि शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी थी। इसके बाद झुग्गियों में रखे छोटे सिलेंडर धमाके के साथ फटने लगे, जिससे लपटें तेजी से फैलती चली गईं। स्थानीय निवासी शमीम शाह ने बताया कि वह काफी समय से अपनी पत्नी तुला बीबी और बच्चों के साथ रहता है। उनके दो बच्चे थे। हादसे के वक्त वह पास की दुकान से चावल लेने गया था। वापस आकर देखा तो अफरा-तफरी मची थी। चारों तरफ आग की लपटें नजर आ रही थीं। मेरी साढ़े तीन साल की बच्ची सादिया आग में झुलस गई। वहीं, मीठू ने बताया कि मेरे चार साल के बेटे की इस हादसे में मौत हो गई। स्थानीय निवासी बादशाह ने बताया कि इस हादसे ने सिर से छत छीन ली है। इससे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बस्ती में तीन सौ से अधिक छोटे बच्चे हैं। हादसे के बाद यहां रह रहे सभी लोग भूखे और प्यासे हैं। स्थानीय लोगों ने सरकार से एक निर्धारित स्थान पर भीषण गर्मी से बचने के लिए छत, भोजन और पेयजल की व्यवस्था करने गुहार लगाई है।