भारत के रुख से पाक सेना में खलबली, PoK में लॉन्चिंग पैड कराए खाली; बंकरों में शिफ्ट हुए आतंकी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तानी सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से आतंकी लॉन्च पैड खाली कराना शुरू कर दिया है और आतंकियों को शिफ्ट करा रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के रुख से पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मचा हुआ है। उसे बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक और दूसरी तरह की जवाबी कार्रवाई का खतरा सता रहा है। इसी के मद्देनजर पाक सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों से लॉन्चिंग पैड खाली करने को कहा है। इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक सेना ने आतंकियों को बंकरों में शिफ्ट करने का आदेश दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा PoK में कई सक्रिय लॉन्चिंग पैड्स की पहचान करने के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना ने यह कदम उठाया है। इसके तहत आतंकवादियों के ठिकानों में फेरबदल किया गया है। खुफिया इनपुट से संकेत मिलता है कि कब्जे वाले कश्मीर में केल, सरदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा, पच्चीबन, फॉरवर्ड कहुता, कोटली, खुइरट्टा, मंधार, निकेल, चमनकोट और जानकोट सहित प्रमुख स्थानों से आतंकवादियों को स्थानांतरित किया जा रहा है।
PoK में 42 आतंकी लॉन्च पैड की पहचान
ये लॉन्च पैड लंबे समय से आतंक के बड़े पनाहगाह के रूप में अहम केंद्र के रूप में काम करते हैं, जहां ना सिर्फ आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है बल्कि वहीं से उन्हें नियंत्रण रेखा (LoC) पार करके जम्मू और कश्मीर में भेजा जाता रहा है। सूत्रों के अनुसार, पिछले हफ़्ते सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 42 आतंकी लॉन्च पैड और प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान की थी और तब से उस पर पैनी नजर रखी जा रही थी। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल पीओके में करीब 150 से 200 प्रशिक्षित आतंकवादी विभिन्न शिविरों में तैनात हैं, जो घुसपैठ की फिराक में हैं।
पाकिस्तान की क्या रणनीति?
पीओके में अचानक हुए इस फेरबदल से संकेत मिलता है कि पाकिस्तानी सेना अपने आतंकी ढांचे को न सिर्फ संरक्षण और कवच देने की कोशिशों में जुटी है बल्कि भारत की तरफ से किसी भी संभावित हमले से बचने के उपाय भी तलाश रही है। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच भारी तनाव है। इसका असर नियंत्रण रेखा पर साफ-साफ देखने को मिल रहा है।