पाइप के सहारे बचने की कर रहे थे कोशिश, मासूमों का हाथ छूटा; द्वारका अग्निकांड में 3 की मौत
दिल्ली के द्वारका इलाके में मंगलवार को एक बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। आग 7वें फ्लोर पर लगी थी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई।

दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 स्थित एक फ्लैट में आग लगने के बाद कारोबारी यश यादव दोनों बच्चों के साथ उतरने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान एक-एक करके दोनों का हाथ छूट गया। तीनों की नीचे गिरने से मौत हो गई। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि घर में छोटा मंदिर रखा गया था जिसमें जल रहे दीपक से घर में आग फैली। फिर घर में पीवीसी पैनल होने की वजह से आग तेजी से फैली।
घर में चल रहा था भागवत पाठ
जानकारी के मुताबिक, यश की बहन उत्तम नगर में रहती हैं। बहन के घर पर एक सप्ताह से भागवत पाठ चल रहा था। मंगलवार को हवन के बाद समापन था। इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए रिश्तेदार यश के घर पर ठहरे हुए थे। यश की पत्नी ममता की बहन माधुरी भी अपने पति अंकित और बेटी के साथ आईं हुई थीं। अंकित के दोस्त भी सोमवार को आ गए थे।
यश ने परिवार को बाहर निकाला
आकाश अस्पताल में यश के रिश्तेदार अंकित ने बताया कि हादसे के वक्त वह अपने तीन दोस्तों के साथ 9वें तल पर थे। 8वें तल पर यश की पत्नी ममता, बड़ा बेटा आदित्य, बेटी आशिमा, भतीजा शिवम और माधुरी अपनी एक साल की बेटी के साथ थीं। आग 8वें तल पर लगी थी। इसके बाद यश ने सभी को बाहर निकाला और खुद आशिमा और शिवम को लेकर 9वें तल पर चला गया।
जमीन से उठकर तरक्की करते गए यश
यश एटा के छोटे से गांव के रहने वाले थे। रिश्तेदारों ने बताया कि करीब 20 साल पहले यश दिल्ली आए थे। उन्होंने फ्लेक्स प्रिटिंग का काम शुरू किया और तरक्की करते चले गए। आशिमा कक्षा सात की छात्रा थी। दो साल पहले ही यश परिवार सहित इस अपार्टमेंट में रहने के लिए आए थे। आसपास के लोगों ने बताया कि पूरा परिवार बेहद मिलनसार था।
गर्मी की छुट्टी में ताऊ के घर आया था शिवम
इस हादसे में जान गंवाने वाला चौथी कक्षा का छात्र शिवम परिवार के साथ एटा में रहता था। स्कूल की छुट्टी होने की वजह से ताऊ के घर द्वारका आया था। शिवम के पिता श्यामवीर और यश यादव चचेरे भाई हैं। श्यामवीर भी यश के दफ्तर में काम करता है। हादसे के वक्त वह द्वारका में ही था। हादसे की खबर मिलते ही श्यामवीर बेसुध हो गया। श्यामवीर ने बताया कि तीन बेटियों के बाद शिवम का जन्म हुआ था।
सूचना देने में हुई देरी
जांच से जुड़े अधिकारी ने बताया कि यश दोनों बच्चों को लेकर 9वें फ्लोर पर पहुंचा और अंकित को नीचे आग लगने की जानकारी देते हुआ कहा था कि जल्द ही बुझ जाएगी, लेकिन आग फैलती चली गई। इस दौरान कोई भी बाहर नहीं निकल पा रहा था। अंकित और उसके तीनों दोस्त आनन-फानन में पाइप की सहायता से 8वें तल और फिर 7वें तल पर उतर गए। वहीं, दोनों बच्चे 9वें तल से पाइप के रास्ते उतरने की कोशिश में नीचे गिर गए। तीनों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। क्राइम और फॉरेंसिक टीमों ने करीब दो घंटे तक मौके से अहम सबूत जमा किए हैं। दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 15 मीटर से अधिक उंची इमारतों को हाईराइज बिल्डिंग में गिना जाता है। आमतौर पर इन इमारतों में रहने वाले लोग गलत स्थान पर वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बड़ी-बड़ी होर्डिंग भी लगा देते हैं। दिल्ली दमकल विभाग के पास 73 मीटर तक इमारत की आग बुझाने के लिए हाईड्रोलिक लिफ्ट और प्लेटफार्म है।
राहगीरों ने बचाई चार लोगों की जान
हादसे के वक्त वहां से गुजर रहे पेशे से प्लम्बर वसीम अपने साथियों के साथ सातवीं मंजिल पर पहुंचे और बंद पड़े फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अंकित और उसके तीनों दोस्तों को सुरक्षित बाहर निकाला। जब आग लगी तो पास की इमारत में रहने वाले राजेश कुमार छत पर कपड़े सुखा रहे थे। उन्होंने धुआं देखकर करीब 9.58 बजे सुबह पुलिस को कॉल कर घटना की सूचना दी थी।
यूपी के गांव सहबाजपुर में मातम, नहीं जले चूल्हे
दिल्ली के द्वारका में फ्लैट में लगी आग के बाद तीन लोगों की मौत के बाद सहबाजपुर में मातम का माहौल है। गांव के कई लोग दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। जो लोग गांव में है, वह लगातार जानकारी ले रहे हैं। परिवार के लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है। यह परिवार लंबे समय से दिल्ली में ही रह रहा है। घटना के कुछ समय बाद गांव में जब यह जानकारी हुई तो शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के लोग पहले से ही दिल्ली में थे। थाना जैथरा क्षेत्र के गांव सहबाजपुर निवासी यश यादव करीब 25 वर्ष पहले दिल्ली आ गए थे। यश पांच भाई थे। इनमें उजीर सिंह दिव्यांग हैं। काम बढ़ने पर उजीर सिंह को छोड़कर सभी भाई दिल्ली आकर कारोबार करने लगे। यशपाल सिंह की बहन भी दिल्ली के उत्तम नगर में रहती हैं। उनके यहां दो दिन पहले कथा समापन के बाद भंडारा था। परिवार के सभी लोग वहीं गए थे और अधिकांश उत्तम नगर में ही थे, लेकिन शिवम द्वारका चला गया था।
ये हैं नियम
- दिल्ली अग्निशमन सेवा के नियमों के तहत ऊंची इमारतों में अग्निशामक यंत्र, अलार्म, आपातकालीन निकासी मार्ग और अन्य सुरक्षा उपाय शामिल हैं
- दिल्ली में ऊंची इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल सेफ्टी के नियम में भूकंपीय सुरक्षा मानकों के तहत डिजाइन किया जाना चाहिए