हमें कोई आपत्ति नहीं; दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को दी एक बड़ी राहत
याचिका में केजरीवाल ने बताया था कि उनके पासपोर्ट की वैधता साल 2018 में खत्म हो गई थी और उन्होंने 10 सालों के लिए इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया है।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कहा कि अगर शराब घोटाले में आरोपी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पासपोर्ट 10 साल के लिए रिन्यू किया जाता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। अदालत ने कहा कि वैसे भी विदेश जाने से पहले केजरीवाल को कोर्ट की इजाजत तो लेना ही होगी, इसलिए पासपोर्ट को नवीनीकरण कराने से रोकने का कोई आधार नहीं है। अदालत ने यह फैसला केजरीवाल की तरफ से पासपोर्ट को 10 के लिए रिन्यू कराने के लिए लगाई गई याचिका पर सुनाया। हालांकि इसके बाद भी सीबीआई और ईडी दोनों ने उनकी याचिका का विरोध किया और सिर्फ 5 साल के लिए रिन्यू करने की अनुमति देने की मांग की। विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने शराब घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में यह आदेश पारित किया, जिनकी जांच क्रमशः सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है।
सात साल पहले खत्म हो चुकी है पासपोर्ट की वैधता
याचिका में केजरीवाल ने अपने वकील के जरिए दलील देते हुए बताया कि उनके पासपोर्ट की वैधता साल 2018 में खत्म हो गई थी और उन्होंने 10 सालों के लिए इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया है। हालांकि ईडी ने केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पासपोर्ट का नवीनीकरण 10 साल के लिए नहीं किया जाना चाहिए, वहीं सीबीआई ने भी कहा कि ऐसे मामलों में सीबीआई की विभिन्न अदालतें जो मानदंड अपनाती हैं, उनके अनुसार पासपोर्ट रिन्यू सिर्फ पांच सालों के लिए किया जाता है।
कोर्ट ने कहा- रिन्यू कराने से कोई दिक्कत नहीं
सुनवाई के बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'आवेदक ने फिलहाल किसी विदेश यात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी है, क्योंकि निकट भविष्य में विदेश यात्रा पर जाने की वह कोई योजना नहीं बना रहा है, हालांकि वैसा होता तब भी यह कारण आवेदक को पासपोर्ट को 10 सालों के लिए रिन्यू कराने की अनुमति देने के आड़े नहीं आ सकता। क्योंकि जमानत की शर्तों में पहले से ही यह निर्धारित है कि आवेदक अदालत की औपचारिक अनुमति के बिना विदेश यात्रा नहीं करेगा।'
पासपोर्ट अधिकारी नियमानुसार फैसले के लिए स्वतंत्र
जज ने आगे कहा, 'अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत आवेदन को स्वीकार किया जाता है और यदि आवेदक, अर्थात अरविंद केजरीवाल का पासपोर्ट नियमों के अनुसार अगले 10 सालों के लिए नवीनीकृत किया जाता है, तो इससे अदालत को कोई आपत्ति नहीं है।'
हालांकि जज ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत के आदेश से पासपोर्ट प्राधिकारियों के विवेक पर पासपोर्ट रिन्यू करने की अनुमति देने या उसे अस्वीकार करने में भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और संबंधित नियमों के तहत किसी तरह से कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।
केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के जिस मामले में आरोपी हैं, वह मामला सीबीआई की एफआईआर से उत्पन्न हुआ है, जो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश के बाद दर्ज की गई थी।