दिल्ली में स्कूलों की फीस पर रेखा गुप्ता सरकार ने किया नए नियमों का ऐलान
दिल्ली के स्कूलों में फीस बढ़ने की शिकायतों के बीच रेखा गुप्ता की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। फीस को लेकर स्कूलों के लिए कुछ गाइडलाइन तय की जाएंगी और इसे लेकर एक ड्राफ्ट बिल कैबिनेट ने पास कर दिया है।

दिल्ली के स्कूलों में फीस बढ़ने की शिकायतों के बीच रेखा गुप्ता की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। फीस को लेकर स्कूलों के लिए कुछ गाइडलाइन तय की जाएंगी और इसे लेकर एक ड्राफ्ट बिल कैबिनेट ने पास कर दिया है। इस बिल के पास होने के बाद दिल्ली के स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। इसी के साथ रेखा गुप्ता सरकार फीस को लेकर नए नियमों के बारे में भी बताया है।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, दिल्ली के स्कूलों में फीस रेगुलेट करने के लिए कैबिनेट में एक बिल पास किया गया है। इस बिल में जरिए बच्चों के माता-पिता को राहत की सासं मिलेगी। इस बिल में मौजूद नियमों के बारे में बताते हुए आशीष सूद ने कहा, पहले के बिल में फीस को लेकर कोई रोकटोक नहीं थी। केवल फीस बढ़ाने को लेकर सूचित करने का प्रावधान था। लेकिन इस बिल में दिल्ली में स्कूल फीस को लेकर तीन स्तरीय कमेटी बनेगी। कमेटी की सहमति से ही फीस बढ़ सकेगी।
एक लाख से 10 लाख तक का जुर्माना
सीएम रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा करते हुए कहा कि अगर बगैर कमेटी की सहमति फीस बढ़ाई गई तो इस पर एक लाख से 10 लाख तक का जुर्माना होगा और सरकार स्कूल को टेक ओवर कर सकती है। आशीष सूद ने इस बारे में बताते हुए कहा, एक स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी बनाई जाएगी। इसके चेयरपर्सन मैनेजमेंट के चेयरपर्सन होंगे और सेक्रेटरी स्कूल की प्रिंसिपल होंगी। इसके अलावा इसमें तीन शिक्षक और पांच अभिभावक होंगे और डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन का एक नॉमिनि एक ऑबर्जवर के रूप होगा। आशीष सूद ने कहा, पांच अभिभावक पीटीए यानी पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन के सदस्य होंगे और उनका चयन ड्रॉ ऑफ लॉट के जरिए होगा। ये लोग तीन साल के लिए फीस को लेकर फैसला करेंगे। ये कमेटी 18 पॉइंट्स पर गौर करेगी जिसमें स्कूल की बिल्डिंग कैसी है, स्कूल की लाइब्रेरी कैसी है, स्कूल शिक्षकों को सैलरी कैसी देता है जैसी चीजें शामिल होंगी। इन सभी 18 चीजों पर गौर करने के बाद कमेटी ये फैसला करेगी कि फीस बढ़नी चाहिए की नहीं।
आशीष सूद ने कहा कि ये कमेटी 31 जुलाई को बनेही और इसे 30दिन के अंदर रिपोर्ट देनी होगी। अगर ऐसा नहीं पाया तो फिर डिस्ट्रक्ट लेवल कमेटी इस सभी अपील सुनकर फैसला करेगी। अगर इस पर भी सहमति नहीं बनती तो स्टेट लेवल कमेटी के पास भेजा जाएगा।
बच्चे की शिकायत पर 50 रुपए का जुर्माना
आशीष सूद ने कहा, खबर आ रही थी कि किसी बच्चे ने बढ़ी हुई फीस नहीं दी तो उसे लाइब्रेरी में बैठाकर रखा। अगर अब ऐसी कोई शिकायत बच्चे की तरफ से पाई जाती है तो स्कूल को प्रति बच्चा 50 हजार रुपए का जुर्माना देगा होगा। अगर 20 दिन में ये ठीक नहीं हुआ तो ये जुर्माना डबल हो जाएगा। इसके बाद फिर 20 दिन में स्थिति नहीं सुधरी तो जुर्माना ट्रिपल हो जाएगा और अगर उसके बाद भी स्कूल ने इसे ठीक नहीं किया तो स्कूल को ओवरटेक कर लिया जाएगा।