मुस्तफाबाद हादसा : सोते-सोते मौत के मुंह में समा गईं 11 जिंदगियां, किस फ्लोर थे कितने लोग
दिल्ली के मुस्तफाबाद में शनिवार तड़के एक 4 मंजिला इमारत धमाके के साथ चंद सेकेंड में मलबे में तब्दील गई। इमारत में सो रहे 11 लोग काल के मुंह में समा गए। घटनास्थल के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में यह हादसा कैद हुआ है।

दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा अंतर्गत आने वाले दयालपुर में शनिवार तड़के एक 4 मंजिला इमारत धमाके के साथ चंद सेकेंड में मलबे में तब्दील गई। इमारत में सो रहे 11 लोग काल के मुंह में समा गए। घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में यह हादसा कैद हुआ है।
धमाके की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों को केवल धूल का गुबार ही दिखाई दे रहा था। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस और अन्य एजेंसियों को हादसे की सूचना दी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सूचना देने के करीब डेढ़ घंटे बाद दमकल और अन्य रेस्क्यू एजेंसियां मौके पर पहुंचीं। तब तक स्थानीय लोगों ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया था। एजेंसियों के आने से पहले छह लोगों को बाहर निकाल लिया गया था। इनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि तीन घायल थे।
डीसीपी (उत्तर-पूर्वी जिला) आशीष मिश्रा ने बताया कि शक्ति विहार स्थित गली नंबर 1 में 4 मंजिला इमारत गिरने की सूचना मिली थी। इसके बाद तत्काल अन्य सिविक एजेंसियों को राहत और बचाव कार्य के लिए सूचित किया गया। जांच में पता चला कि करीब 60 गज के प्लॉट पर यह चार मंजिला इमारत बनी थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत में मकान मालिक हाजी तहसीन उर्फ यासीन के तीन बेटों के परिवार इस मकान में रहते थे। इसके अलावा तीसरी मंजिल पर दो किराएदार भी परिवार समेत रहते थे। तहसीन के तीन बेटों का पूरा परिवार पहली और दूसरी मंजिल पर रहता था। तहसीन पेशे से प्रॉपर्टी डीलर था और नाजिम इसमें उसकी मदद करता था। चांद बैट्री रिक्शा चलाने का काम करता है, जबकि तीसरे बेटे आस मोहम्मद की दिल्ली दंगों में मौत हो गई थी। हादसे के बाद शनिवार को कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने घटनास्थल का दौरा किया। उनके साथ स्थानीय विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट भी मौजूद रहे। कपिल मिश्रा ने कहा कि यह हादसा आम आदमी पार्टी (आप) शासित दिल्ली नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का असली सच सामने लाता है।
नीचे के फ्लोर पर रहने वाला परिवार फंसा
हादसे के वक्त तहसीन के बेटे चांद और नजीम पूरे परिवार समेत इमारत में मौजूद थे, जबकि सबसे बड़े बेटे स्वर्गीय आस मोहम्मद की पत्नी बच्चों के साथ शादी में शामिल होने मायके गई थी। वहीं, दुकान में पार्टिशन हटाने का काम करने वाले कुछ मजदूर भी ग्राउंड फ्लोर पर सो रहे थे, लेकिन हादसे से पहले वह चले गए थे। सूचना के बाद एमसीडी की चार जेसीबी और एक हाइड्रोलिक क्रेन मलबा हटाया। घटनास्थल पर एक दर्जन कैट्स एंबुलेंस के अलावा पुलिस बल की तैनात रहा।
किस फ्लोर पर कौन था
ग्राउंड फ्लोर : मकान मालिक का प्रॉपर्टी डीलिंग कार्यालय और एक दुकान थी।
फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर : मकान मालिक परिवार समेत रहता था। हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि चार घायल हो गए।
थर्ड फ्लोर : दो किराएदार परिवार समेत रहते थे। तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि सात घायल हो गए।