दिल्ली में इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़, सरगना समेत 5 स्मगलर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ कर सरगना समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 5 करोड़ रुपए मूल्य का नशीला पदार्थ जब्त किया गया है। ये सभी पर्यटन और कपड़ा व्यापार के बहाने नेपाल से अफीम और चरस की तस्करी कर रहे थे।

दिल्ली पुलिस ने इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ कर सरगना समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 5 करोड़ रुपए मूल्य का नशीला पदार्थ जब्त किया गया है। ये सभी पर्यटन और कपड़ा व्यापार के बहाने नेपाल से अफीम और चरस की तस्करी कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा चलाए गए दो अलग-अलग अभियानों में बरामद किया गया यह मादक पदार्थ नेपाल और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से तस्करी कर लाया गया था। आरोपियों की पहचान रैकेट के कथित सरगना जसमेर सिंह (52), राज कुमार (47), काला (50), मोहन लाल (45) और संजय रावत (43) के रूप में हुई है।
स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने बताया कि जसमेर सिंह और उसके साथी पर्यटन और कपड़ा व्यापार के बहाने नेपाल से अफीम और चरस की तस्करी कर रहे थे। मोहन लाल मणिपुर से हेरोइन और अफीम खरीदकर उसे दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पहुंचाता था। वह खुद को सड़क निर्माण परियोजनाओं में लगे मजदूर के रूप में पेश करता था।
15 अप्रैल को किए गए पहले ऑपरेशन में पुलिस टीम ने बुराड़ी अथॉरिटी इलाके के पास हरियाणा के रहने वाले दो संदिग्धों जसमेर और राज को पकड़ा। उन्होंने बताया कि वे कथित तौर पर एक कार में बैठकर किसी का इंतजार कर रहे थे। जांच करने पर कार के पेट्रोल टैंक और छत में छिपाकर रखी गई 5.12 किलो अफीम और 3.53 किलो चरस बरामद हुई। उनसे पूछताछ के बाद उनके दो और साथियों उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी काला और शामली निवासी संजय को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 1.87 किलो अफीम बरामद की गई।
29 अप्रैल को दूसरे ऑपरेशन में पुलिस ने राजस्थान के चुरू जिले के निवासी मोहन को बुराड़ी से पकड़ा। डीसीपी ने बताया कि वह एनडीपीएस मामले में वांछित था और कथित तौर पर एक कार में 625 ग्राम कच्ची हेरोइन ले जाते हुए पाया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी ने कथित तौर पर बातचीत और समन्वय के लिए नेपाली फोन नंबरों से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने बताया कि जसमेर इससे पहले 2011 से 2019 तक नेपाल में मादक पदार्थ मामले में जेल में बंद था। उसे 2021 में हरियाणा में भी गिरफ्तार किया गया था। उसने कथित तौर पर काला के साथ जेल में एक गिरोह बनाया और रिहा होने के बाद तस्करी फिर से शुरू कर दी। मोहन कथित तौर पर छोटे व्यवसायों में वित्तीय घाटे के बाद इस धंधे में शामिल हो गया था। डीसीपी ने कहा कि बाद में उसने एक कार खरीदी और उसका इस्तेमाल पूर्वोत्तर से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए किया। संदेह से बचने के लिए वह एक महिला के साथ यात्रा करता था।
अभियान के दौरान कथित तौर पर कुल 7 किलो उच्च गुणवत्ता वाली अफीम, 3.53 किलो चरस और 625 ग्राम कच्ची हेरोइन बरामद की गई। पुलिस ने बताया कि एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। गिरोह के अन्य लोगों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।