Cyber Fraud Victim Duped of 16 44 Lakh by Impersonating Crime Branch Officer साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर व्यक्ति से ठगे 16 लाख रुपये, Faridabad Hindi News - Hindustan
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साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर व्यक्ति से ठगे 16 लाख रुपये

फरीदाबाद में एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 16 लाख 44 हजार रुपये ठग लिए। आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर पीड़ित को घोटाले में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित ने डर के...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादTue, 13 May 2025 11:15 PM
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साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर व्यक्ति से ठगे 16 लाख रुपये

फरीदाबाद। साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर करीब 16 लाख 44 हजार रुपये ठग लिए। आरोपियों ने मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पीड़ित से बात की थी। साथ ही पांच हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी बताया था। साइबर थाना सेंट्रल की पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस के अनुसार पीड़ित सेक्टर-86 स्थित ग्रेटर फरीदाबाद के ओमेक्स हाईट्स सोसाइटी में परिवार के साथ रहते हैं। वह एक कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में पुलिस को बताय है कि 28 अप्रैल को उनके मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपने आपको मुंबई पुलिस का क्राइम ब्रांच अधिकारी बताया।

साथ ही कहा कि मुंबई पुलिस ने पांच हजार करोड़ रुपये के एक घोटाले का पर्दाफाश किया है। इसमें नरेश गोयल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो पूछताछ में उनका नाम बताया है। साथ ही जांच में पाया गया है कि घोटाले में उनके पेन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। उक्त कागजातों के आधार पर घोटाले की राशि में से करीब साढ़े छह करोड़ रुपये उनके बैंक खाते में जमा हुए हैं। इसपर पीड़ित ने किसी प्रकार के घोटाले में अपने आपको शामिल होने से इंकार किया। बावजूद आरोपी गिरफ्तार करने करने की बात कहने लगे और धमकाते हुए वीडियो कॉल पर आने को कहा। इससे पीड़ित काफी डर गए। तीन दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट पीड़ित के अनुसार आरोपियों द्वारा गिरफ्तार करने की धमकी से वह डर गए। वह आरोपियों के वीडियो कॉल से जुड़ गए। वीडियो कॉल में क्राइम ब्रांच कार्यालय आदि का दृश्य दिखाया गया। कुछ लोग पुलिस की वर्दी और वकील के पोषाक में थे। इससे वह काफी डर गए। आरोपियों ने उन्हें 28 अप्रैल से 30 मई तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। वीडियो कॉल पर ली बैंक खाता की जानकारी पीड़ित के अनुसार आरोपियों ने वीडियो कॉल पर ही बैंक खाता, उसमें जमा रुपये, फिक्स डिपॉजिट आदि की जानकारी ली। साथ ही एक बैंक खाता संख्या भेजकर सारे रुपये उसमें जमा करने को कहा। आरोपियों ने कहा कि जांच पूरा होने के बाद सारे रुपये उन्हें लौटा दिए जाएंगे। पीड़ित का कहना है कि वह इतना डर गए थे कि उन्होंने अपने बैंक खाता आदि में जमा करीब 16 लाख 44 हजार रुपये आरोपियों के बैंक खाते में ऑनलाइन जमा कर दिए। कॉलिग से एक पल भी नहीं हटने का था निर्देश पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें वीडियो कॉल करते ही बताया कि जांच पूरी होने तक वह एक पल के लिए भी मोबाइल फोन के स्क्रीन से नहीं हट सकते हैं। आरोपियों ने मोबाइल फोन की बैटरी को पूरा चार्ज रखने को कहा। मोबाइल फोन में नेटवर्क की दिक्कत नहीं आने को कहा। कैमरा बंद करने आदि की पूरी मनाही थी। पीड़ित के अनुसार आरोपियों ने कहा कि इनमें से एक भी दिक्कत आने पर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद वह परिवार से अलग होकर एक कमरे में बंद हो गए और तीन दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकले। ऐसे हुआ ठगी का अहसास जानकारी के अनुसार पीड़ित शौच आदि जाने के लिए भी आरोपियों से अनुमति लेते थे। 30 अप्रैल को वीडियो कॉल पर उन्हें आरोपियों को कुछ शक हुआ। आरोपियों के बातचीत आदि से लगा कि वह पुलिस नहीं हो सकते। शक होते ही उन्होंने वीडियो कॉल को काट दिया और तुरंत साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर-1930 पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी। शिकायत मिलने के 12 दिन बाद पुलिस आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जांच शुरू की है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

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