एनएचएआई मुख्यालय से सात लेन के रेलवे फ्लाईओवर को नहीं मिल रही मंजूरी
फरीदाबाद में बल्लभगढ़ अनाज मंडी से जेसीबी कट तक जाम मुक्त करने के लिए प्रस्तावित सात लेन रेलवे फ्लाईओवर की परियोजना अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। एनएचएआई मुख्यालय से मंजूरी का इंतजार है। केंद्रीय...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली-आगरा हाईवे को बल्लभगढ़ अनाज मंडी से लेकर जेसीबी कट तक जाम मुक्त करने के लिए प्रस्तावित सात लेन रेलवे फ्लाईओवर की परियोजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। निर्माण कार्य के लिए एनएचएआई मुख्यालय से मंजूरी का इंतजार है। सवा साल पहले टेंडर प्रक्रिया शुरू होने से पहले जल्दबाजी में इसका शिलान्यास भी कर दिया गया था। नौ मार्च वर्ष 2024 को केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने लोकसभा चुनाव से पूर्व इसका शिलान्यास किया था। उस वक्त बताया गया था कि इस रेलवे फ्लाईओवर को बनाने में करीब 150 करोड़ रुपये की लागत आएगी। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद यह फ्लाईओवर डेढ़ वर्ष में बनकर तैयार हो सकेगा।
यह रेलवे फ्लाईओवर बल्लभगढ़ अनाज मंडी कट से शुरू होगा। इसे पिलर पर बनाया जाएगा। यह रेलवे फ्लाईओवर एल्सन चौक से आगे जाकर खत्म होगा। इसके दोनों सिरों पर यूटर्न बनाए जाएंगे। इससे वाहन चालकों को फ्लाईओवर से नीचे और ऊपर जाने में आसानी रहेगी। यदि किसी को इस फ्लाईओवर से सेक्टर-25 की ओर जाना है तो नीचे से जा सकते हैं। यदि किसी को सब्जी मंडी से दिल्ली की ओर जाना है तो इस पर चढ़कर हाईवे पर जा सकते हैं। जेसीबी कट की ट्रैफिक लाइट को भी हटा दिया जाएगा। दिल्ली जाने वाले वाहन चालक नहीं फंसेंगे जाम में इस रेलवे फ्लाईओवर के बनने के बाद दिल्ली जाने वाले वाहन चालक जाम में नहीं फंसेंगे। फिलहाल जेसीबी कट पर ट्रैफिक लाइट लगी हुई है। इस वजह से वाहन चालकों को यहां जाम में नहीं फंसना पड़ता है। एल्सन चौक पर पैदल राहगीर हाईवे की ग्रिल को फांदते हैं। इस वजह से ट्रैफिक की रफ्तार थमी रहती है। वहीं मौजूदा रेलवे पुल चार लेन का है। इस कारण वाहन रेंगते रहते हैं। सात लेन का रेलवे फ्लाईओवर बनने के बाद दिल्ली और आगरा जाने वाले वाहन चालकों को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यालय से अभी टेंडर लगाने की मंजूरी नहीं मिल रही फ्लाईओवर का यह मामला एनएचएआई मुख्यालय में मंजूरी के लिए गया हुआ है। वहां से मंजूर होने के बाद ही इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। यह फ्लाईओवर लंबे समय से लंबित है। दिल्ली-आगरा हाईवे को चार लेन से छह लेन बनाया गया था। करीब 2018 में इस परियोजना के तहत बल्लभगढ़ रेलवे फ्लाईओवर को भी सात लेन किया जाना था, लेकिन उसके बाद से यह फ्लाईओवर चार लेन ही है। कभी डिजाइन की वजह से तो कभी अन्य वजहों से इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरूनहीं हो पा रहा है। इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू न होने से अनाज मंडी से लेकर जेसीबी कट तक ट्रैफिक रेंगता रहता है। फरीदाबाद की सीमा में हाईवे पर अब सिर्फ जेसीबी कट पर ही ट्रैफिक लाइट है। इस फ्लाईओवर के बनने के बाद ही यहां पर यह ट्रैफिक लाइट हटेगी। ट्रैफिक लाइट के कारण यहां पर वाहन चालकों को रुकना पड़ता है। इस वजह से यहां ट्रैफिक की रफ्तार थमी रहती है। ग्रिल को फांदकर हाईवे पार कर रहे इस रेलवे फ्लाईओवर के नजदीक दिल्ली-आगरा हाईवे के एल्सन चौक पर भी पैदल राहगीर हाईवे को पार करने के लिए ग्रिल फांद रहे हैं। इससे लोगों के वाहनों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। एनएचएआई द्वारा हाईवे के डिवाइडर पर ग्रिल लगाने के बावजूद पैदल राहगीर इस ग्रिल को फांद रहे हैं। फ्लाईओवर बनने के बाद तेज रफ्तार वाहन फ्लाईओवर के ऊपर से निकल जाएंगे। फ्लाईओवर के नीचे वाहनों की संख्या में कमी आएगी। इस रेलवे फ्लाईओवर का प्रस्ताव एनएचएआई मुख्यालय में जरूरी मंजूरी के लिए गया हुआ है। जैसे ही मंजूरी मिलती है तो यहां पर निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा। - धीरज सिंह, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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