कश्मीरियों को याद आया 1990 का नरसंहार, हरकत को कायराना बताया
फरीदाबाद में रहने वाले कश्मीरी लोगों ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को कायराना करार दिया है। उन्हें 1990 में हुए नरसंहार की याद आ गई है। कश्मीरी सेवक समाज के सदस्यों का कहना है कि आतंकवाद का...

फरीदाबाद। कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने शहर में रहने वाले कश्मीरियों को 1990 में हुए नरसंहार की याद दिला दी। कश्मीरियों ने इस हरकत को कायराना करार दिया है। वर्ष 1990 में कश्मीर से फरीदाबाद में आकर बसे कश्मीरी वह रह रहे अपने परिजनों व सगे संबंधियों को लेकर चिंतित हैं। उनसे फोन पर खैर-खबर ले रहे हैं। कश्मीरी सेवक समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए सबसे पहले कश्मीरियों को सेवाएं देना बंद करनी चाहिए। वह नहीं चाहते कि पलायन करने वाले कश्मीरी हिंदू वापस लौटे।
काशी आखून तीस वर्ष से वापसी का सपना देख रहे
कश्मीरी सेवक समाज के उपाध्यक्ष काशी आखून ने बताया कि वह तीन दशकों से अपने घर कश्मीर वापस जाने का सपना देख रहे हैं, लेकिन आतंकी घटनाओं और उस समय नरसंहार की यादों की वजह से हिम्मत नहीं जुटा पाते। आतंकियों की कमर पर्यटकों और पर्यटन को रोककर तोड़ी जा सकती है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में भाई और भतीजे रहते हैं। उनसे कल ही बात हुई थी। वहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है।
कश्मीरी हिंदुओं को दोबारा बसाए सरकार: भारती कौल
भारती कौल ने बताया कि उनकी बहन श्रीनगर में रहती हैं और उनके बहनोई निजी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर है। उन्हें लेकर पूरे परिवार को काफी चिंता है। कश्मीर से आतंकवाद को कश्मीरी हिंदुओं की मदद से पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। एक कश्मीरी ही उनकी वेशभूषा, हाव-भाव, बोल-चाल को पहचानता है। उनके बारे में पुलिस और सरकार को जानकारी देना वाला कोई नहीं है। इसलिए सरकार को कश्मीरी हिंदुओं को दोबारा से बसाना चाहिए, ताकि वह सरकार को आतंकी गतिविधियों के प्रति आगाह करते रहे। सरकार को सरकारी नौकरियों, स्कूल, कौलेज सहित विभिन्न क्षेत्रों में आरक्षण समाप्त करना चाहिए।
आतंकियों का जड़ से खात्मा जरूरी : विनोद धर
कश्मीरी सेवक समाज के महासचिव विनोद धर का कहना है कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, उतनी कम है। सरकार को आतंकियों का जड़ से खात्मा करना होगा। वहां के स्थानीय लोग आतंकियों को सहयोग करते हैं। उनके बिना इतने बड़े नरसंहार को अंजाम दे पाना संभव नहीं है। सरकार सब कुछ उन लोगों को उपलब्ध करा रही है। इनमें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, टनल सहित अन्य कई वर्ल्ड क्लास सुविधाएं दे रही है। इससे उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं। आतंकवाद को सिर्फ वहां का स्थानीय व्यक्ति ही समाप्त कर सकता है, जो वहां की भाषा, खानपान को जानता हो।
पाक के खिलाफ बड़ा कदम उठाना होगा : कुलदीप काचरू
कश्मीरी सेवक समाज के कोषाध्यक्ष कुलदीप काचरू का कहना है कि पहलगाम की घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकी कश्मीर मामले में किसी का भी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार को अब पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाना चाहिए। इस नरसंहार ने 1990 में हुए नरसंहार की याद दिलाई है। आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए कश्मीर में रहने वाले लोगों के सभी प्रकार के लाभों को बंद करना चाहिए। सरकार उन्हें बिना किसी प्रयास के सभी कुछ उपलब्ध करा रही है।
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