Woman suffering from labor pains and people passing VIDEO शर्मसार: प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, गुजरते रहे लोग, Faridabad Hindi News - Hindustan
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VIDEO शर्मसार: प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, गुजरते रहे लोग

भीषण गर्मी में फरीदाबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर प्रसव पीड़ा से महिला बिलख रही थी, पास में बैठे उसके दो बच्चे अपनी मां को रोते देख खुद भी रो रहे थे। स्टेशन पर ट्रेन दो मिनट के ठहराव के बाद आ-जा...

वरिष्ठ संवाददाता फरीदाबादTue, 6 June 2017 07:45 PM
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VIDEO शर्मसार: प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, गुजरते रहे लोग

भीषण गर्मी में फरीदाबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर प्रसव पीड़ा से महिला बिलख रही थी, पास में बैठे उसके दो बच्चे अपनी मां को रोते देख खुद भी रो रहे थे। स्टेशन पर ट्रेन दो मिनट के ठहराव के बाद आ-जा रही थी। यात्री वहां से गुजर रहे थे। इस शोर शराबे में टीन शैड के खंभे की ओट में बैठी महिला के बिलखने की किसी ने आवाज नहीं सुनी। किसी को यह तक नहीं पता चला कि यहां महिला एक बच्चे को जन्म दे रही है। शिशु की किलकिलारी सुन एक महिला ने सूचना पुलिस को दी। प्लेटफार्म पर बच्चा होने की सूचना के बाद स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बन गया।

स्टेशन अधीक्षक सीएम वाष्र्णेय ने तुरंत इसकी सूचना बीके अस्पताल की एंब्यूलेंस 102 और रेलवे के मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश सब्बरवाल को दी। कुछ ही देर में स्टेशन अधीक्षक, मंडल चिकित्सा अधिकारी, नर्स निर्मला, गाड़ी लिपिक रमनकांत समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जीआरपी और आरपीएफ भी वहां पहुंच गई, लेकिन संसाधनों के अभाव में वह महिला की कोई मदद नहीं कर सके। स्टेशन अधीक्षक जच्चा और बच्चा की जान बचाने के लिए जल्द से जल्द मदद के लिए रेलवे कर्मचारियों को निर्देश देते रहे। यहां तक कि खुद ही स्ट्रेचर लेकर महिला की ओर दौड़ते नजर आए। इस दौरान स्टेशन पर पूरी तरह अफरातफरी का माहौल रहा। हैरानी की बात तो यह है कि हजारों यात्रियों की सुरक्षा का दावा करने वाली जीआरपी और आरपीएफ इस मामले में असहाय नजर आई। यहां तक कि महिला पुलिसकर्मी भी मददगारों से पीछे वाली कतार में ही खड़ी नजर आई। 

10 मिनट तक एम्बूलेंस के बिना तड़पती रही महिला
11 बजकर 50 मिनट पर महिला ने अपने कपड़ों में ही बच्चे को जन्म दे दिया था। रेलवे मंडल चिकित्सा अधिकारी ने शिशु की धड़कन चैक की। बच्चा पूरी तरह सकुशल था। सुरक्षा कारणों से उस समय बच्चे की गर्भनाल काटी नहीं जा सकी थी। इसके चलते डॉक्टरों ने उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की जरूरत महसूस की। लेकिन स्टेशन परिसर में जीआरपी और आरपीएफ के पास इस तरह की कोई एंब्यूलेंस नहीं थी, जिससे जच्चा व बच्चा को अस्पताल पहुंचा जा सके। इसके चलते करीब 10 मिनट तक जच्चा दर्द से तड़पती रही। एंब्यूलेंस पहुंचने के बाद स्टेशन अधीक्षक ने रेलवे कर्मचारी लक्ष्मण सिंह रावत को उनकी मदद में अस्पताल भेजा। जहां उसे सीधा ऑपरेशन थियेटर ले जाकर डॉक्टरों ने बच्चे को गर्भ नाल से अलग किया।बीके अस्पताल की डॉक्टर अरूणा और नर्सिंग स्टाफ बाला ने बताया कि महिला ने बेटे को जन्म दिया है। जच्चा व बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य है।

रात भर स्टेशन पर ही महिला ने बच्चों के साथ बिताई रात
महिला रीता नांगलोई की रहने वाली बताई गई है। पति से विवाद के बाद वह अपने दो बच्चे शिवम और अंजली के साथ घर छोड़कर चली आई और रात भर उसने फरीदाबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के समीप बने शैड के नीचे बिताई। अब सवाल है कि आखिर रात भर जीआरपी और आरपीएफ की नजर गर्भवती महिला और उसके दो बच्चों पर क्यों नहीं पड़ी? अगर पुलिस की नजर इन पर गई होती तो समय से पहले ही महिला को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो सकती थी। इससे जहां यात्रियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है, वहीं रात के वक्त स्टेशन पर ठहरने वालों पर भी सवाल खडे़ हो रहे हैं।

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