Gurugram Cultural Building Plan Stalled Artists Struggle for Expression सात साल से कागजों में बंद है सांस्कृतिक भवन की योजना, Gurgaon Hindi News - Hindustan
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सात साल से कागजों में बंद है सांस्कृतिक भवन की योजना

बदहाल ओपन एयर थिएटर: तीन सात साल से कागजों में है सांस्कृतिक भवन की सात साल से कागजों में है सांस्कृतिक भवन की

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवWed, 9 April 2025 11:28 PM
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सात साल से कागजों में बंद है सांस्कृतिक भवन की योजना

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम द्वारा वजीराबाद में सांस्कृति भवन बनाने की योजना फाइलों में धूल फांक रही है। शहर का एकमात्र ओपन एयर थिएटर जिला प्रशासन व निगम अधिकारियों ने निजी संस्था को सौंप दिया है। निगम अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण शहर के कलाकारों को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ रही है। वैसे तो मिलेनियम सिटी में नगर निगम के पास सालाना तीन हजार करोड़ रुपये का बजट है, लेकिन शहर में कला और संस्कृति को बढ़ावा मिले इसके लिए किसी भी योजना पर काम नहीं हो रहा है। 2020 में शहर में कला और संस्कृति को लेकर सेक्टर-29 स्थित किंगडम ऑफ ड्रिम और ओपन एयर थिएटर में प्रत्येक शनिवार को निगम की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस समय शहर में ऐसी कोई भी एक जगह नहीं बची है जहां शहर के कलाकार अपनी अभिव्यक्ति को लोगों तक पहुंचा सके। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण शहर के सैंकड़ों कलाकारों को अपने घरों या फिर निजी संस्थानों में जाकर अपने कला का अभ्यास करना पड़ रह है।

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- चिन्हित जमीन को कर दिया नीलाम

पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय उर्जा मंत्री मनोहर लाल ने 2017 में गांव वजीराबाद में एक सांस्कृतिक भवन निर्माण करने की घोषणा की थी। इसको लेकर निगम ने एचएसवीपी विभाग सेक्टर-52 में जमीन चिन्हित कर ली थी। इसके बाद निगम ने 2023 में इस जमीन पर सांस्कृतिक भवन बनाने के लिए डिजाइन आदि तैयार करके इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन जब निगम अधिकारियों ने मौक का मुआयना किया तो पता चला कि एचएसवीपी ने चिन्हित जमीन को नीलाम ही कर दिया है। इसके बाद से निगम अधिकारी सांस्कृतिक भवन के निर्माण को लेकर जमीन तक चिन्हित नहीं कर पाए हैं। यह योजना अधिकारियों की अलमारियों में धूल फांक रही है।

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-नहीं शुरू हो रहा बाल भवन

सेक्टर-4 में निगम की तरफ से बाल भवन की बिल्डिंग का निर्माण करवाया गया है। बाल भवन लगभग ढाई एकड़ भूमि पर बना है। भवन के निर्माण पर लगभग 16.26 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया है। बाल भवन निर्माण में पहले तो निर्माण कार्य में चार साल की देरी हुई। इसके बाद निर्माण कार्य पूरा हुआ तो अब इसे शुरू नहीं किया जा रहा है। शहर के कलाकारों का आरोप है कि बाल भवन को कलाकारों के अनुसार नहीं बनाया गया है। इसके अलावा 30 अक्तूबर को इसका विधायक मुकेश शर्मा ने शुभारंभ कर दिया, लेकिन इसे शुरू अभी तक नहीं किया गया है। विभाग की ओर से खंड व जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं को स्कूलों में या सिविल लाइंस स्थित जोनहॉल में आयोजित कराया जाता है।

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- संस्था चलाने वालों को निगम दे रहा मोटा वेतन

शहर के कलाकार ऋतुराज अग्रवाल ने बताया कि निगम अधिकारियों ने मिलीभगत करके पहले तो निजी संस्था को सेक्टर-29 का एयर थिएटर सौंप दिया है। निजी संस्था यहां इस थिएटर में कार्यक्रम करने के 25 हजार रुपये तक वूसली कर रही है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाय यहां लोगों की शादियों के कार्यक्रम हो रहे हैं। निगम ने जिस संस्था को यह थिएटर दिया हुआ है उसकी संचालिका को हर माह 55 हजार रुपये का वेतन, दो चपड़ासी सहित सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवा रखी है। जबकि संस्था द्वारा निगम का कोई काम नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाई जाए तो इसकी बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है।

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- कलाकार घरों में अभ्यास करने को मजबूर

शहर में सैंकड़ों की संख्या में कलाकार अपने अभ्यास को तरस रहे हैं। इसके अलावा अपनी कला की अभिव्यक्ति लोगों के सामने कहां करें उनके सामने यह बड़ा सवाल है। लगातार निगम अधिकारियों और जिला प्रशासन को शिकायतों के बाद भी इन कलाकारों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कलाकरों को अपनी कला की अभिव्यक्ति को व्यक्त करने के लिए उन्हें झज्जर जिले बाढ़सा स्थित एम्स में बने ऑडिटॉरियम में जाना पड़ रहा है। इसके अलावा आचार्यपुरी में एक किसी कलाकार ने निजी ऑडिटॉरियम घर में बनाया हुआ है, वहां जाकर यह कलाकार अपना अभ्यास करने को मजबूर है।

: कोट

सांस्कृतिक भवन के निर्माण को लेकर इंजीनियरिंग विंग द्वारा जगह की तालाश की जा रही है। सेक्टर-29 के ओपन एयर थिएटर में जल्द ही कार्यक्रमों का आयोजन शुरू करवाया जाएगा। अगर किसी संस्था को वेतन दिया जा रहा है तो इसका पता करवाया जाएगा कि उन्हें वेतन किस बात के लिए दिया जा रहा है।

- महाबीर प्रसाद, अतिरिक्त निगमायुक्त, नगर निगम, गुरुग्राम।

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