पार्षदों को कार्यालय और कर्मचारी नहीं मिलेंगे
गुरुग्राम नगर निगम के नए आयुक्त प्रदीप दहिया ने पार्षदों को कोई सुख-सुविधाएं देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने बैठक में कहा कि पार्षद नियमों के खिलाफ कोई काम नहीं कर सकते और उन्हें कार्यालय या...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम पार्षदों की इस बार निगम की तरफ से कोई सुख सुविधाएं नहीं मिलेंगी। इसको लेकर निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने सोमवार को बैठक के दौरान फैसला लिया है। बैठक में निगमायुक्त ने पार्षदों से कहा कि वह नियमों के खिलाफ जाकर कोई भी काम नहीं करेंगे। नगर निगम गुरुग्राम के नव नियुक्त निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। निगमायुक्त ने पार्षदों को साफ शब्दों में कह दिया है कि वह नियमों से बाहर जाकर पार्षदों को खुश नहीं रख सकते हैं। वह नियमों के अनुसार ही यहां काम करेंगे। बता दें कि सोमवार को मेयर की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया था।
बैठक में सभी वार्डों के पार्षद और निगम अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे। इस दौरान पहले तो सभी पार्षदों ने निगमायुक्त का स्वागत किया। इसके बाद पार्षदों ने वार्ड अनुसार अपना परिचय देकर बैठक शुरू की। बैठक में पार्षदों ने अपने वार्ड की एक-एक समस्याओं को निगम अधिकारियों के सामने रखा। इसके बाद पार्षदों ने मांग रखी कि निगम की तरफ से वार्ड अनुसार पार्षदों को एक-एक कार्यालय उपलब्ध करवाए जाए। कार्यालय में सभी फर्नीचर आदि भी लगवाया जाए। इसके अलावा उनके काम के लिए निगम एक कम्प्यूटर ऑपरेटर और एक सेवादार भी दिया जाए। ताकि वह वार्ड के लोगों की समस्याओं का समाधान वार्ड में ही करवा सकें। इस पर निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि पार्षदों को कार्यालय और कर्मचारी समेत किसी भी प्रकार की सुख सुविधा देने का कोई भी प्रावधान नहीं है। इस कारण वह नियमों से बाहर जाकर पार्षदों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं करवा सकते हैं। अगर पार्षदों को यह सुविधा चाहिए तो वह मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी मांग कर सकते हैं। पिछली योजना में निगम ने कर दिए लाखों रुपये खर्च नगर निगम गुरुग्राम में 2017 के निगम चुनाव में जो 35 पार्षद निर्वाचित हुए थे, उनको निगम की तरफ से एक-एक मोबाइल फोन, वार्ड अनुसार कार्यालय, कार्यालय में सभी प्रकार को उच्च गुणवत्ता वाला फर्नीचर, एसी, पंखे, एक कम्प्यूटर ऑपरेटर और एक सेवादार दिया गया था। कई पार्षदों ने तो अपनी जमीन पर ही निगम कार्यालय सरकारी खजाने से निर्माण करवा लिया। इसमें निगम ने दस करोड़ से अधिक का खर्च भी कर दिया। इस मामले को लेकर अब पार्षदों का कहना है कि वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर इसकी मांग करेंगे।
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