एनईपी की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव होगा: प्रो. पवन शर्मा
गुरुग्राम विश्वविद्यालय में रविवार को नई शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें शिक्षकों, छात्रों और अकादमिक लीडर्स ने सुझाव...

गुरुग्राम। सेक्टर-51 के गुरुग्राम विश्वविद्यालय में रविवार को एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें नई शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए छात्रों, शिक्षकों और अकादमिक लीडर्स, लोगों से सुझाव आमंत्रित करने के उदेश्य से किया गया। जिसमें वक्ताओं ने संस्थानों में लागू की गई एनईपी के विभिन्न प्रमुख बिंदुओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही बाधाओं के बारे में जानकारी देकर विभिन्न विषय में अपने सुझाव दिए। नई शिक्षा नीति से शिक्षा प्रणाली में एक परिवर्तनकारी बदलाव होगा। गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में आयोजित परामर्श सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और सुझाव पर छह जिले के शिक्षण संस्थानों से शामिल हुए। इसमें फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पलवल, नूंह के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों, स्कूलों के प्राचार्य, छात्र, शिक्षक और अकादमिक लीडर्स शामिल हुए। सभी ने अपने संस्थानों में लागू की गई एनईपी-2020 के विभिन्न प्रमुख बिंदुओं के बारे में बताया। विशिष्ठ अतिथि व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के निदेशक आईक्यूएसी प्रोफेसर पवन शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। मुख्य वक्ता ने कहा कि हरियाणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन में अग्रणी राज्य रहा है। उन्होंने एनईपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार के परामर्श सम्मेलन अभियान की सराहना की। एनईपी देश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है। इससे शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी का पोषण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने में एनईपी का अहम रोल है।
आर्थिक गति देने की आशा का प्रतीक है एनपीए
विशिष्ठ अतिथि प्रो. डीपी भारद्वाज ने कहा कि एनईपी सीखने के परिदृश्य को बदलने, देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करने, आबादी को सशक्त बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की आशा का प्रतीक है। गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा ने छात्रों और शिक्षकों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को महत्वपूर्ण बताया। इस मौके पर स्वामी विवेकानंद जयंती भी मनाई गई। एनईपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी से सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है। जिसे 12 जनवरी को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से लांच किया गया। इसके बाद राज्य स्तरीय कार्यकारी समितियां और जिला स्तरीय कार्यकारी समितियां नियमित रूप से एनईपी के कार्यान्वयन की प्रगति की देखरेख करेंगी। जीयू के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह, माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के निदेशक डॉ. जीतेन्द्र दहिया, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल यादव भी उपस्थित रहे।
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