अनुसंधान बढ़ाने के लिए जीयू-आरआईएस के बीच एमओयू
-पूरे भारत से 21 और हरियाणा से दो यूनिवर्सिटी को इस समझौते के लिए चुना गया, जिसमे गुरुग्राम यूनिवर्सिटी भी शामिल गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। गुरुग

गुरुग्राम। गुरुग्राम विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम के तहत विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान, संयुक्त सेमिनार और सम्मेलन, संकाय विनिमय, संयुक्त प्रकाशन और छात्रों की इंटर्नशिप सहित पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देना है। यह समझौता नीति अनुसंधान और विकास सहयोग के क्षेत्र में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंकों के साथ जुड़कर गुरुग्राम विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा देकर मजबूत करेगा। यह अकादमिक और अनुसंधान सहयोग दो मित्र संस्थानों को करीब लाने की संभावना है।
इस एम्ओयू पर जीयू की ओर से रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. सुमन वशिष्ठ व आरआईएस के महानिशेक प्रो. सचिन चतुर्वेदी, ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर गुरुग्राम यूनिवर्सिटी की डीन अकादमी अफेयर्स प्रो. नीरा वर्मा भी उपस्थित रही। डॉ. सुमन वशिष्ठ ने बताया कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय पूरे भारत से उन 21 विश्वविद्यालयों में से एक है, जिन्हें आरआईएस ने समझौते के लिए चुना है। हरियाणा से दो यूनिवर्सिटी को इस समझौते के लिए चुना गया है। जिसमें गुरुग्राम विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शामिल है। आरआईएस 1983 में स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नीति अनुसंधान संस्थान है जो अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोगी व्यवस्था सहित बहुपक्षीय और क्षेत्रीय आर्थिक मुद्दों से संबंधित सभी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देता है।
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