संशोधित: स्कूलों के शिविर में बच्चों के स्वस्थ जीवनशैली पर जोर
-बच्चों का ज्ञान बढ़ाना, संवाद कौशल का विकास करना है -संध्या व रात्रि नमस्कर, अक्षरों की पहचान व बनावट पर जोर -इको क्लब की गतिविधियों और किचन गार्डन

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय स्कूलों में इको क्लब शिविर में बच्चों के स्वस्थ जीवन शैली पर जोर दिया गया है। स्कूलों में आयोजित शिविर सात विषयों पर आधारित होते हैं। इसमें हर दिन अलग-अलग गतिविधियां करवाई जानी हैं। इसके लिए स्कूलों को सूची जारी की गई। इसके तहत पहले दिन बेसिक ग्रीटिंग जिसमें बच्चों को प्रात: संध्या व रात्रि नमस्कर, अक्षरों की पहचान व बनावट अंक आदि की जानकारी पर जोर दिया गया है। छात्रों ने गतिविधिों में प्लास्टिक को न कहने की शपथ ली: डाइट के विषय विशेषज्ञ राम किशन वत्स ने कहा कि समर कैंप-2025 की निगरानी और मार्गदर्शन के लिए रविवार को गुड़गांव गांव के राजकीय गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का दौरा किया।
इसमें छात्रों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पैदा करने के लिए छात्रों के साथ पौधारोपण किया। सुनने का कौशल क्यों महत्वपूर्ण है, इसके लिए एक गतिविधि आयोजित की गई। समर कैंप की गतिविधियों का अवलोकन किया। छात्रों द्वारा की गई गतिविधियां और प्लास्टिक को न कहने की शपथ ली। इको क्लब की गतिविधियों और किचन गार्डन का अवलोकन किया। भारतीय भाषाओं के ऐतिहासिक, भौगोलिक और मुख्य बिंदु शामिल रही। छात्रों के लिए समर कैंप में प्रेरणा, शिविर का समापन और प्रमाण पत्र का वितरण दिया गया। संवाद कौशल का विकास करना है: शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य बच्चों का भाषायी ज्ञान बढ़ाना और उनमें संवाद कौशल का विकास करना है। जिसके लिए निपुण हरियाणा, बाल रामलीला सहित अन्य कार्यक्रम करवाए जाते हैं। वहीं बच्चों में भाषायी कौशल विकसित करने के लिए विभाग की ओर से पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया है। ऐसे में इस बार विभाग ने सात दिन का ग्रीष्मकालीन शिविर लगाने की योजना चलाई जा रही है। जिसमें बच्चों को संवाद व भाषायी शुद्धि के बारे प्रशिक्षित किया जा रहा है। शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा परियोजना परिषद व खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं। जिसमें छात्रों की सुरक्षा और विशेष रूप से छात्रों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए विद्यालय मुखिया के लिए हिदायतें दी गई हैं। गतिविधियों का आयोजन सुबह 7 बजे से 11 बजे तक किया जाएगा। प्रकृति भ्रमण जैसी गतिविधियां प्रतिदिन सुबह 9 बजे से पहले पूरी की जाएगी। गतिविधियों के दौरान यह सुविधाएं रहीं: निर्देश में यह कहा गया है कि स्कूल परिसर में और बाहरी गतिविधियों के दौरान फर्स्ट एड किट, ओआरएस और साफ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की होनी चाहिए। अभिभावक शिक्षक संघ (एसएमसी) के सदस्य और स्थानीय समुदाय सदस्य भी शिविर में शामिल हो सकते हैं। विद्यार्थियों को अपने खाली समय का सदुपयोग कर व्यर्थ के समय का सर्वोत्तम उपयोग करने का अवसर दिया गया। रिपोर्ट प्रतिदिन गूगल सीट पर अपलोड करनी होगी: जिला कार्यक्रम समन्वयक की ओर से जिले की संकलित दैनिक गतिविधि रिपोर्ट प्रतिदिन गूगल सीट पर अपलोड करनी होगी, ताकि उसे उसी दिन गूगल ट्रैकर के माध्यम से शिक्षा विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा सके। पत्र में कहा गया है कि जिला एवं ब्लॉक प्राधिकारी ग्रीष्मकालीन शिविर का दौरा करेंगे। विद्यालय प्राचार्य इस शिविर के संपूर्ण प्रभारी होंगे तथा इसके सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे। हर दिन अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई: स्कूलों में पहली से आठवीं तक के लिए यह शिविर लगाए जा रहे हैं। सूची के अनुसार हर दिन विद्यार्थियों को अलग-अलग गतिविधियां करवाई जानी है। शिविर का समय सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक रखा गया है। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में बच्चों के भाषायी कौशल के लिए शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सूची जारी की है। इसके तहत पहले दिन बेसिक ग्रीटिंग जिसमें बच्चों को प्रात: संध्या व रात्रि नमस्कर, अक्षरों की पहचान व बनावट अंक इत्यादि की जानकारी दी जा रही है।
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