Mock Drill for War Preparedness in Gurugram Fails Due to Poor Coordination युद्ध अभ्यास की मॉकड्रिल बनी मजाक, Gurgaon Hindi News - Hindustan
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युद्ध अभ्यास की मॉकड्रिल बनी मजाक

गुरुग्राम में युद्ध अभ्यास के लिए आयोजित मॉकड्रिल पूरी तरह से विफल रही। बचाव दल को घटनास्थल पर पहुंचने में काफी समय लगा और सायरन की व्यवस्था नहीं थी। बिजली बंद करने के आदेश का पालन भी नहीं हुआ। जिला...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवThu, 8 May 2025 11:37 PM
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युद्ध अभ्यास की मॉकड्रिल बनी मजाक

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। युद्ध अभ्यास को लेकर जिला प्रशासन की मॉकड्रिल एक मजाक बन गई। मॉकड्रिल को लेकर पूर्व से निर्धारित घटनास्थल तक पहुंचने में बचाव दल को समय लग गया। सायरन की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। जिला प्रशासन ने बुधवार को युद्ध अभ्यास को लेकर पांच जगहों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया था। बचाव दलों को सेक्टर-38 स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम से पहले से निर्धारित पांच घटनास्थलों पर पहुंचना था। चार बजे घटनास्थलों पर पुलिस पीसीआर से सायरन बजाए गए। ताऊ देवीलाल स्टेडियम से सेक्टर-चार का सरकारी स्कूल करीब छह किलोमीटर की दूरी पर है। इस रास्ते को तय करने में बचाव दल को करीब 35 मिनट का समय लग गया।

बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचाने के लिए रास्ते में यातायात पुलिस की तरफ से किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए थे। उन्हें रास्ता उपलब्ध नहीं करवाया गया। इसके अलावा प्रत्येक घटनास्थल पर फायर विभाग, पुलिस विभाग और सिविल डिफेंस के सदस्यों के बीच सामांजस्य की कमी देखी गई। एंबूलेंस का अभाव होने के कारण पुलिस पीसीआर में मॉकड्रिल के घायलों को भेजा गया था। यातायात जाम में फंसा बचाव दल मॉकड्रिल बुधवार को हीरो होंडा चौक स्थित होंडा कंपनी, एंबीयंस मॉल, सेक्टर-चार-सात के सरकारी स्कूल, सेक्टर-15 स्थित सालवान पब्लिक स्कूल और गढ़ी बाजिदपुर में हुई थी। अधिकांश जगहों पर सामांजस्य की कमी देखी गई। यातायात पुलिस की सतर्कता नहीं होने के कारण मॉकड्रिल के लिए निकले बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी देरी हुई। सायरन की कोई व्यवस्था नहीं जिला प्रशाासन के पास गुरुवार शाम को मॉकड्रिल के तहत रात को 10 मिनट के लिए बिजली को बंद करना था। इससे पहले शहरभर में सायरन बजाए जाने थे। सायरन की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके चलते काफी संख्या में लोग सायरन बजने का इंतजार करते रहे। ब्लैक आउट का समय खत्म हो गया। जनप्रतिनिधियों के कार्यालय में लाइट जलती रही रात 7.50 पर बिजली बंद करने की अपील जिला प्रशासन की तरफ से जारी की गई थी, लेकिन भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधियों के कार्यालयों पर लाइट जलती रही। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसको लेकर जनप्रतिनिधियों पर जिला प्रशासन की कार्रवाई में सहयोग नहीं करने पर जमकर खिंचाई की। वहीं, अधिकांश व्यावसायिक इमारतों में बिजली को बंद नहीं किया गया। रिहायशी सोसाइटियों में आदेश की पालना नहीं 10 मिनट के लिए लाइट बंद करने की कई रिहायशी सोसाइटियों में पालना नहीं हुई। कुछ रिहायशी सोसाइटियों का रखरखाव आरडब्ल्यूए की तरफ से किया जा रहा है तो कुछ का रखरखाव बिल्डर कर रहा है। फ्लैट मालिकों ने जिला प्रशासन के आदेश का सम्मान करते हुए अपने फ्लैट में लाइट को 10 मिनट के लिए बंद कर दिया था। अधिकांश बाजार के व्यापारियों ने भी जिला प्रशासन के इस युद्ध अभ्यास में सहयोग नहीं किया। हमला हुआ तो स्थिति को संभालना मुश्किल होगा यदि भारत-पाक युद्ध के दौरान गुरुग्राम में हमला होता है तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। सायरन की कोई व्यवस्था नहीं है। मिनी सचिवालय में एक सायरन लगा था। दो दिन पहले इसकी जांच हुई तो पता चला कि इससे तो इस पूरी इमारत के कमरों तक आवाज नहीं जाती है। ऐसे में दो और सायरन लगाए गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग कार्यालय में सिर्फ एक अधिकारी हरियाणा सरकार ने मिनी सचिवालय की दूसरी मंजिल पर आपदा प्रबंधन विभाग का एक कार्यालय बनाया हुआ है। खास बात यह है कि इस कार्यालय में सिर्फ एक अधिकारी की नियुक्ति है। इस कार्यालय के बाहर भी आपदा प्रबंधन विभाग कार्यालय के बारे में कुछ नहीं लिखा है। हिन्दुस्तान संवाददाता को भी इस कार्यालय तक जगह-जगह पूछकर पहुंचना पड़ा। नहीं की जाती मॉकड्रिल शहर के अधिकांश रिहायशी सोसाइटी और व्यावसायिक कॉलोनियों में सायरन लगे हैं। आग लगने की स्थिति में इन सायरन को बजाना होता है। कई सालों से अधिकांश इमारतों पर मॉक ड्रिल दमकल विभाग की तरफ से नहीं की गई है। हर साल सिर्फ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। 1971 में सिविल लाइंस में सायरन लगा था एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने बताया कि साल 1971 में सिविल लाइंस में एक सायरन लगा हुआ था। इस सायरन की आवाज बहुत तेज थी। उस दौरान आबादी भी कम थी। वाहनों का शोर नहीं था। ऐसे में इसकी आवाज दूर तक जाती थी और लोगों को पता चल जाता था। अब कोई सायरन नहीं है। वार रूम नहीं बनाया गया युद्ध को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से अभी कोई वार रूम नहीं बनाया गया है। यह आदेश जरूर जारी हुए हैं कि यदि हमला होता है तो सभी टीम ताऊ देवीलाल स्टेडियम में एकत्रित हो जाएं। क्या कहते हैं लोग सेक्टर-67 स्थित पार्क व्यू सपा नेक्स्ट सोसाइटी में जिला प्रशासन के आदेश की अवमानना हुई। जिला प्रशासन ने 10 मिनट के लिए बिजली बंद करने के आदेश जारी हुए थे, लेकिन इसकी पालना नहीं हुई। - कुश कोचगवे, पूर्व प्रधान, आरडब्ल्यूए सेक्टर-50 स्थित द क्लॉज नोर्थ और द क्लॉज साउथ सोसाइटी में जिला प्रशासन के आदेशों की पालना की गई। दोनों सोसाइटियों में फ्लैट मालिकों ने बिजली को बंद रखा। - निहारिका बंदूनी, स्थानीय निवासी फ्रेस्को सोसाइटी में 10 मिनट के लिए बिजली को बंद कर दिया था। जिला प्रशासन के आदेश की पालना की गई। लोगों ने सहयोग दिया। आगे भी जिला प्रशासन के आदेशों की पालना की जाएगी। - निलेश टंडन, प्रधान, आरडब्ल्यूए, फ्रेस्को सोसाइटी, सेक्टर-50 कोट: मॉक ड्रिल को और कारगार बनाने के लिए मिलकर सभी काम करेंगे। समय-समय पर मॉक ड्रिल जरूर करवाई जाएगी। जिससे रिस्पांस टाइम को कम किया जा सके। -अजय कुमार,उपायुक्त गुरुग्राम

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