शहर के कई इलाकों में छह घंटे तक बिजली गुल रही
- बुधवार को बिजली की मांग 1700 मैगावाट से बढ़कर 2058 मैगावाट पहुंच गई- बुधवार को बिजली की मांग 1700 मैगावाट से बढ़कर 2058 मैगावाट पहुंच गई

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। गर्मी बढ़ने के साथ मिलेनियम सिटी में बिजली की कटौती शुरू हो गई है। बुधवार को करीब 100 इलाकों में बिजली के दो से छह घंटे की अघोषित कटौती हुई। इस वजह से लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। पिछले एक सप्ताह से बिजली की मांग 1600 से 1700 मेगावाट चल रही थी। बुधवार को इस मांग में अचानक बढ़ोतरी हो गई। 2058 मेगावाट तक मांग पहुंचने के साथ बिजली का बुनियादी ढांचा गड़बड़ा गया। सेक्टर-72 के 220 केवीए क्षमता के बिजली घर में ट्रांसफार्मर गर्म हो गए। ऐसे में सेक्टर-46, 52, 56, 69, पचगांव आदि बिजली घरों के अंतर्गत आ रही कॉलोनी, सोसाइटी और गांवों में बिजली के रोटेशनल कट लगना शुरू हो गए।
दोपहर के समय करीब दो से तीन घंटे तक बिजली सप्लाई ठप रही। बुधवार दोपहर को सेक्टर-45, 46, 46, 51, 52, 53, 54, 55, 56, 57, बादशाहपुर, सनसिटी कॉलोनी, केंद्रीय विहार, जलवायु विहार, रेल विहार के अलावा डीएलएफ, सुशांत लोक-एक, दो और तीन आदि के निवासियों को बिजली के अघोषित कटौती का सामना करना पड़ा। राजेंद्रा पार्क और अशोक विहार में रातभर रही दिक्कत राजेंद्रा पार्क और अशोक विहार कॉलोनी में रातभर बिजली की आंचमिचौली चलती रही। इस वजह से लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। राजेंद्रा पार्क कॉलोनी में तो करीब छह घंटे तक बिजली कट लगा। इस तरह अशोक विहार में देर रात दो बजे के बाद बिजली सप्लाई सामान्य हो सकी। रात 10 बजे से बिजली कट इस कॉलोनी में लगना शुरू हो गए थे। आरडी सिटी में पिछले एक सप्ताह से परेशानी आरडी सिटी कॉलोनी के करीब तीन हजार परिवार पिछले एक सप्ताह से बिजली के अघोषित कट से परेशान हैं। रोजाना रात को तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती होती है। आरडब्ल्यूए ने आरोप लगाया कि उनकी कॉलोनी के फीडर से गांव वजीराबाद को बिजली सप्लाई की जा रही है। जैसे ही 11केवीए केबल पर बिजली का लोड बढ़ता है तो उसमें तकनीकी फाल्ट आ जाता है। इससे बिजली सप्लाई ठप हो जाती है। आरडब्ल्यूए ने डीएचबीवीएन के मुख्य अभियंता को स्थिति से अवगत करवाते हुए समाधान करवाने का आग्रह किया है। वर्जन--- तपती गर्मी में बिजली की मांग में अचानक बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार तक बिजली की मांग 1600 से 1700 मेगावाट थी। बुधवार को यह मांग 2058 मेगावाट तक पहुंच गई। इस वजह से सेक्टर-72 में ट्रांसफार्मर गर्म हो गए। ट्रांसफार्मर को जलने से बचाने के लिए बिजली लोड को कम करके रोटेशनल कटौती की गई। - अनिल मलिक, कार्यकारी अभियंता, एचवीपीएन
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