Protests Against Atrocities on Hindus in Bangladesh Held at Gurugram University बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए स्वायत्त क्षेत्र बनाया जाए : भारत भूषण , Gurgaon Hindi News - Hindustan
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बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए स्वायत्त क्षेत्र बनाया जाए : भारत भूषण

गुरुग्राम विश्वविद्यालय में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। आरएसएस प्रमुख भारत भूषण ने बांग्लादेश में हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए स्वायत...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवTue, 10 Dec 2024 06:14 PM
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बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए स्वायत्त क्षेत्र बनाया जाए : भारत भूषण

गुरुग्राम, प्रमुख संवाददाता। बांग्लादेश में सनातन धर्म पर हो रहे अत्याचार के विरोध में मंगलवार को गुरुग्राम विश्वविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। विचार गोष्ठी में बोलते हुए आरएसएस अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख भारत भूषण ने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के हितों पर कुठाराघात हो रहा उसे किसी भी रूप में उचित नही ठहराया जा सकता है। उन्होंने हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए बांग्लादेश में स्वायत क्षेत्र बनाने की मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में खुलाना व सिलीगुड़ी को स्वायत क्षेत्र घोषित किया जाए। इससे पूर्व डॉक्टर अशोक दिवाकर ने कार्यक्रम कि प्रस्तावना रखी एवं अनिल कश्यप ने मंच सञ्चालन किया। बांग्लादेश में जिन क्षेत्रों में हिंदुओं कि जनसंख्या 20 प्रतिशत से अधिक है उन्हें चिन्हित करके स्वायत क्षेत्र बना दिया जाये ताकि वे यहां सुरक्षित अनुभव कर सकें। बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के अत्याचार के विरोध में मंगलवार को आयोजित कि गई विचारगोष्ठी में शहर कि अनेक सामाजिक, धार्मिक, व विभिन नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित हो कर रोष प्रकट किया। इस कार्यक्रम के उपरांत राष्ट्रपति के नाम जिला उपयुक्त को एक ज्ञापन सौपा गया।

सनातन चेतना मंच के तत्वावधान में आयोजित कि गई इस गोष्ठी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना क्रम में पाकिस्तान जैसी शक्तिया भी शामिल हैं। बांग्लादेश को सुरक्षित करने के लिए भारत ने ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्रता दिलाई थी। यह बात जमायते इस्लामी जैसी कटरपंथी संस्थाओं को यह बात हज़म नहीं हुई। यह दुर्भागयापर्ण है कि इस्कॉन जैसी शांति का सन्देश देने वाली संस्था को आतंकवादी संगठन बताया जा रहा है। यह विडम्बना ही है कि यह सब वहां कि सरकार के संरक्षण में ही हो रहा है। उन्होंने मोहमद यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापिस लेने की भी मांग की।

विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ब्रह्मऋषि गीतानंद आश्रम के जयनंद महाराज ने कहा की कभी भारत से पूरा विश्व कंपता था, लेकिन हमारी आंतरिक फुट के करा, भारत कमज़ोर दिखाई देता है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपने पूर्वजों व महान संस्कृति को पहचानने का आह्वान करते हुए कहा कि कहने से नहीं, करने से समाधान होता है। हम सब को एक जुट हो कर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का कड़ा विरोध करके दुनियां को संदेश देना होगा। गोष्ठी को पंजाबी बिरादरी महासंगठन के अध्यक्ष बोधराज सीकरी, कर्नल अनिल वैद्य, वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा, डॉक्टर परमेश्वर अरोरा, सनातन धरम सभा अध्यक्ष सुरेंदर खुल्लर, गुज्जर महासभा उपाध्यक्ष, नाथू राम सरपंच, इस्कॉन मदिर संसथान के प्रतिनिधि नरहरि कृष्ण दस, वैश्य समाज के अध्यक्ष आर बी सिंगला, राजपूत महासभा के पूर्व अध्यक्ष जतनबीर राघव, परोपकारी सभा अजमेर के मंत्री कन्हैया लाल आर्य, गुरुग्राम विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार राजीव सिंह, पालम विहार गुरद्वारा से सरदार जितेंद्र सिंह, गायत्री परिवार से शशि सोनी, केंद्रीय आर्यसभा प्रधान अशोकआर्य आदि ने भी सम्बोधित किया।

कार्यक्रम के संयोजक राम सज्जन व सह संयोजक सुरेंदर तंवर ने कार्यक्रम को सफल बनाए के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पूर्वांचल समाज के बी न लाल, प्रवासी मंच के अध्यक्ष सत्येंदर, पदमचंद आर्य, प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी संगठन महावीर भारद्वाज, रिटायर्ड न्यायाधीश अनिल विमल, भारतीय वैष्णव ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेद प्रकाश वैष्णव, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के राष्ट्रीय सचिव नरोत्तम वत्स, प्रांत से कार्यवाह राष्ट्रीय सेविका समिति प्रतिमा, गुरुग्राम विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार राजीव कुमार सिंह, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन यादव, फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर जनरल दीपक जैन, सुरुचि साहित्य परिवार के महासचिव मदन साहनी, धानक समाज के अध्यक्ष ओ पी ख्यात, वीरांगना शम्मी अहलावत, जिला बीजेपी अध्यक्ष कमल यादव उपस्थित थे।

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