Kapil Mishra to Delhi court says My X posts targeted rival parties, not community समुदाय विशेष को नहीं तो किसे निशाना बना रहे थे कपिल मिश्रा, खुद कानून मंत्री ने अदालत को बताया, Ncr Hindi News - Hindustan
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समुदाय विशेष को नहीं तो किसे निशाना बना रहे थे कपिल मिश्रा, खुद कानून मंत्री ने अदालत को बताया

  • कपिल मिश्रा पर 23 जनवरी, 2020 को तत्कालीन दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर अपने एक्स हैंडल से आपत्तिजनक बयान पोस्ट करने का आरोप है। रिटर्निंग ऑफिसर की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीTue, 8 April 2025 08:10 PM
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समुदाय विशेष को नहीं तो किसे निशाना बना रहे थे कपिल मिश्रा, खुद कानून मंत्री ने अदालत को बताया

दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा पर फरवरी 2020 में शहर में हुए दंगे के दौरान सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग समुदायों में दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप है, हालांकि इस बारे में उनका कहना है कि वह केवल विरोधी राजनीतिक दलों को निशाना बना रहे थे, ना कि किसी समुदाय विशेष को। मिश्रा के वकील ने यह दलील मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने या न किए जाने पर हुई बहस के दौरान उनका पक्ष रखते हुए रखी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया की अदालत में मिश्रा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होगी।

इस मामले में कपिल मिश्रा के वकील ने मंगलवार को अदालत को बताया कि उन्होंने धर्म या भाषा के आधार पर किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि प्रतिद्वंद्वी दलों- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को निशाना बनाया था। मिश्रा की तरफ से बोलते हुए उनके वकील ने कहा, ‘मैंने धर्म या भाषा के आधार पर किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया है। मेरे ट्वीट किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाते। मैंने केवल दो अन्य पार्टियों (कांग्रेस और AAP) को निशाना बनाया है।’

कपिल मिश्रा पर 23 जनवरी, 2020 को तत्कालीन दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर अपने एक्स हैंडल से आपत्तिजनक बयान पोस्ट करने का आरोप है। रिटर्निंग ऑफिसर की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत ने पहले जनप्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के संबंध में वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत अपराध का संज्ञान लिया था।

कोर्ट ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि वह उम्मीदवारों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए माहौल को दूषित करने और तीखे शब्दों का प्रयोग करने से रोके।

मजिस्ट्रेट न्यायालय के साथ पूर्ण सहमति व्यक्त करते हुए, अदालत ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी द्वारा दायर की गई शिकायत जनप्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के संबंध में विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त है।

कोर्ट ने कहा कि मिश्रा के बयान धर्म के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने की एक बेशर्म कोशिश लग रही है, जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से उस देश का उल्लेख किया गया है, जिसे दुर्भाग्य से आम बोलचाल में अक्सर एक विशेष धर्म के सदस्यों को निरूपित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के उत्तर-पश्चिम के डीसीपी ने कहा कि वह मामले में एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) से रिपोर्ट प्राप्त करने की कोशिश कर रही है।

इससे पहले 7 मार्च को एक विशेष अदालत ने मिश्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने आपत्तिजनक बयान देने और 2020 में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए समन जारी करने का विरोध किया था।