mcd house meeting 10 proposals approved amid uproar ruling party and opposition MCD बैठक में हंगामे के बीच 10 प्रस्तावों पर मुहर, निगम कर्मचारियों को पेंशन पर बड़ा फैसला, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर Newsmcd house meeting 10 proposals approved amid uproar ruling party and opposition

MCD बैठक में हंगामे के बीच 10 प्रस्तावों पर मुहर, निगम कर्मचारियों को पेंशन पर बड़ा फैसला

शनिवार को दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में हंगामे के बीच 22 प्रस्तावों में से दस को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इसमें निगम कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ा एक प्रस्ताव भी शामिल है।

Krishna Bihari Singh हिन्दुस्तान टीम, राहुल मानव, नई दिल्लीSat, 5 Oct 2024 08:30 PM
share Share
Follow Us on
MCD बैठक में हंगामे के बीच 10 प्रस्तावों पर मुहर, निगम कर्मचारियों को पेंशन पर बड़ा फैसला

दिल्ली नगर निगम की शनिवार को सदन की बैठक में हंगामे के बीच 22 प्रस्तावों में से दस प्रस्ताव पास किए गए। महापौर डॉ शैली ओबरॉय दोपहर 2.40 बजे के बाद पहुंची और उन्होंने सदन की कार्यवाही शुरू की। इस दौरान कुछ शौक प्रस्ताव पढ़े गए। इसके बाद महापौर ने माइक पर बोलते हुए 26 सितंबर को हुए स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने अनुसूचित जाति (एससी) के महापौर के चुनाव कराने की मांग की। साथ ही नारेबाजी करते हुए सत्ता पक्ष का विरोध किया।

यह प्रस्ताव पास हुए

1- दिल्ली में टोल नाकों पर प्रवेश करने वाले विशेष व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूलने के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने का प्रस्ताव पास हुआ।

2- निगम के विभिन्न विभागों में डाटा एंट्री ऑपरेटरों की व्यवस्था करने के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने का प्रस्ताव पास हुआ।

3- मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर दवा की खरीद करने से जुड़े प्रस्ताव को पास किया गया।

5- निगम कर्मचारियों के पेंशन प्रदान करने से जुड़े एक प्रस्ताव को पास किया गया।

इन प्रस्तावों को स्थगित किया गया

1- स्थाई समिति के गठन के लिए तिथि के निर्धारण से जुड़ा प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया।

2- प्रदूषण स्तर के बढ़ने पर ग्रैप (श्रेणीबद्ध कार्य प्रतिक्रिया योजना) के तहत निगम की सभी पार्किंग में चार गुना पार्किंग शुल्क को बढ़ाने से जुड़ा प्रस्ताव को चौथी बार सदन में स्थगित कर दिया। जुलाई से लेकर अक्टूबर के दौरान चार बार सदन में यह प्रस्ताव लाया गया। जिसे स्थगित कर दिया।

3- द्वारका सी वार्ड के एक गांव में दिल्ली ग्रामोदय योजना के तहत नाले के निर्माण कार्य से जुड़ा प्रस्ताव स्थगित किया गया।

महापौर से माइक छीनने का लगाया आरोप

सदन में दोनों राजनीतिक दलों के पार्षदों ने एक दूसरे पर निशाना साधा। इस दौरान हंगामे के बीच सदन में एजेंडे में लाए गए प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें से दो प्रस्तावों को वापस भेजा गया और आठ प्रस्तावों को स्थगित कर दिया गया। महापौर ने 3 बजकर 10 मिनट के बाद सदन की कार्यवाही को अगली तिथि तक स्थगित कर दिया। नेता सदन मुकेश गोयल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के पार्षदों ने महापौर से माइक छीनने की कोशिश की। मार्शलों ने इसे रोका।

विपक्ष ने बोलने नहीं देने का लगाया आरोप

इस पर नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने आरोपों का खंडन करते हुए पलटवार किया। नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के पार्षद अनुशासित हैं। सत्ता पक्ष लोगों के हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देता है। लोगों से जुड़े मुद्दों पर भाजपा के पार्षदों को बोलने नहीं दिया जाता है।

जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहता है विपक्ष

नेता सदन मुकेश गोयल ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के पार्षदों ने शांति से सदन की बैठक चलने नहीं दी। महापौर ने बीते दिनों विपक्ष की मनमानी से हुए स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव को लेकर अपनी बात रखी। इसे विपक्ष ने सुनने के बजाय हंगामा शुरू कर दिया। महापौर की सीट के पास वेल में आकर और डाइस पर चढ़कर हंगामा किया। विपक्ष जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहता है। इस कारण लगातार सदन में हंगामा कर रहे हैं। आप ने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए कूड़ा हटाने, मलबा खत्म करने से जुड़े कई कार्य किए।

बिना बहुमत के प्रस्ताव पास किए गए : नेता विपक्ष

नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने सत्ता पक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में सत्ता पक्ष ने बिना बहुमत के अवैध तरीके से प्रस्ताव पास किए। यह निगम के नियमनुसार पूरी तरह से अवैध हैं। सदन में पास किए गए प्रस्ताव रद माने जाएंगे। शनिवार को सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी के 81 पार्षद मौजूद थे। जबकि भाजपा के 94 पार्षद उपस्थित थे। सत्ता पक्ष के पास एजेंडे में शामिल प्रस्तावों को पास कराने का पर्याप्त संख्याबल नहीं था। जबकि भाजपा की संख्या ज्यादा थी। भाजपा के कई पार्षदों ने प्रस्तावों पर वोट कराने की मांग की। लेकिन महापौर ने इसे अनदेखा कर दिया। इस संबंध में निगम आयुक्त को पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा गया कि पास हुए प्रस्तावों को न माना जाए। इन्हें असंवैधानिक तरीके से पास किया गया।