मुर्शिदाबाद में हुए दंगे राज्य प्रायोजित थे: अमित शाह
कोलकाता में गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी पर मुर्शिदाबाद में हाल में हुए दंगों को राज्य प्रायोजित बताने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन...

कोलकाता, एजेंसी। गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद में हाल में हुए दंगे राज्य प्रायोजित थे। शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी पर मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता दीदी ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। ऐसा करके वह इस देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं। 2026 (विधानसभा चुनाव) में राज्य की माताएं और बहनें ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाएंगी।
उन्होंने दावा किया कि दीदी की सरकार का समय समाप्त हुआ अब अगले वर्ष बंगाल में भाजपा सत्ता में होगी। अप्रैल में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर शाह ने दावा किया कि दंगों में तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया, मुर्शिदाबाद दंगे राज्य प्रायोजित थे। मुर्शिदाबाद दंगों के दौरान गृह मंत्रालय बीएसएफ की तैनाती पर जोर देता रहा, लेकिन तृणमूल सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया, ताकि हिंसा जारी रहे। वक्फ कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हुए सांप्रदायिक दंगों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। गृह मंत्री ने वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करने के लिए भी बनर्जी की आलोचना की। शाह ने कहा, ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए इस कानून के खिलाफ हैं। इससे पहले शाह ने कोलकाता के निकट राजारहाट में केंद्रीय न्यायलिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के नए भवन का उद्घाटन किया। -- बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही टीएमसी शाह ने कहा, बंगाल चुनाव न केवल राज्य का भविष्य तय करेगा, बल्कि यह देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है। ममता बनर्जी ने बांग्लादेशियों के लिए बंगाल की सीमाएं खुली छोड़ दी हैं। उनके आशीर्वाद से घुसपैठ हो रही है। इसे केवल भाजपा सरकार ही रोक सकती है। घुसपैठ रोकने में बीएसएफ की विफलता की टीएमसी की आलोचना का जवाब देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बीएसएफ को जरूरी जमीन नहीं दी है। उन्होंने कहा, एक बार तृणमूल सरकार बीएसएफ को जरूरी जमीन दे दे, तो हम घुसपैठ रोक देंगे। शाह ने दावा किया, लेकिन, बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी कभी भी बीएसएफ को जमीन नहीं देगी, क्योंकि वह चाहती है कि घुसपैठ जारी रहे ताकि वह सत्ता में बनी रहे। शाह ने बनर्जी पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर दृढ़ रुख अपनाने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। -- फोरेंसिक बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए 2,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीएसएफएल से बिहार, झारखंड, ओडिशा, सिक्किम, असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों के मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी। उन्होंने मामलों को सुलझाने में फोरेंसिक विज्ञान की भूमिका की सराहना की। शाह ने कहा कि केंद्र ने देश में फोरेंसिक बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए 2,800 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। शाह ने कहा कि 1300 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल फोरिंसक साइंस यूनिवर्सिटी(एनएफएसयू) के नौ और परिसर बनेंगे। 860 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल और बिहार में सात नई प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा, हम 2080 करोड़ रुपये की फोरेंसिक क्षमताओं के आधुनिकीकरण की योजना ला रहे हैं। 200 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल फोरेंसिक डेटा सेंटर की स्थापना भी करने की योजना है, जिसके जरिये हम आंकड़ों का एक विशाल भंडार बना सकेंगे। साथ ही एआई के माध्यम से उसका विश्लेषण किया जा सकेगा। इससे विश्वसनीय, साक्ष्य-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाएगी। - 60 प्रतिशत मामलों में 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दायर हो रहे गृह मंत्री शाह ने आपराधिक कानूनों में हाल में किए गए सुधारों के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू होने के बाद हमने 60 प्रतिशत मामलों में 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दायर होते हुए देखे हैं। मंत्री ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारत के लोगों द्वारा चुनी गई संसद द्वारा भारत के लोगों के संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए कानून हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 160 साल पुराने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों को खत्म किया और नए भारत के नए कानून लाई है। उन्होंने कहा कि लोगों को न्याय दिलाने की दिशा में ये एक क्रांतिकारी बदलाव है। शाह ने कहा कि विशेष मामलों में सुनवाई 90 दिनों के भीतर शुरू हो रही है। - जटिल मामलों को सुलझाने पर काम हो रहा केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, जनवरी 2026 से हम फोरेंसिक साइंस को हर थाने, सरकारी वकील और अदालत तक ले जाना शुरू करेंगे ताकि उन्हें फोरेंसिक साइंस के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार क्लस्टर अप्रोच के जरिए देश में सीएफएसएल नेटवर्क बना रही है, ताकि जटिल मामलों का समाधान हो और पूरी आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव हो। शाह ने कहा, पीड़ितों को फोन के जरिए हर तरह की जानकारी दी जाती है और उन्हें भरोसा दिलाया जाता है कि उन्हें थाने जाने की जरूरत नहीं है। हमने इसके लिए व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि 17,184 थाने सीसीटीएनएस से जुड़े हैं, ऑनलाइन हैं और उनका डेटा सामूहिक रूप से तैयार किया जा रहा है। गृह मंत्रालय उनकी ऑनलाइन निगरानी कर रहा है। यह दर्शाता है कि हमने इतने कम समय में कितना बड़ा बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि हर राज्य के लिए एक फोरेंसिक मोबाइल वैन रखा जाएगा।
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