जेएनयू छात्र लापता मामलाः नजीब ने सफदरजंग अस्पताल में इलाज से किया था इनकार- सीबीआई
सीबीआई ने अदालत में बताया कि जेएनयू के पूर्व छात्र नजीब अहमद ने सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराने से इनकार कर दिया था। अस्पताल पहुंचने पर उसे एमएलसी बनवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन वह वापस हॉस्टल चला गया।...

- मामले में अगली सुनवाई के लिए तय की गई नौ मई की तारीख नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ज्योति महेश्वरी की अदालत को सीबीआई ने सोमवार को बताया कि 15 अक्टूबर 2016 को रहस्मय तरीके से लापता हुए जेएनयू के पूर्व छात्र नजीब अहमद ने सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराने से इनकार कर दिया था। अहमद पर कथित रूप से एबीवीपी से जुड़े छात्रों के एक समूह ने हमला किया था।
यह बयान सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट और अहमद की मां फातिमा नफीस द्वारा दायर विरोध याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। एजेंसी ने अदालत को बताया कि अस्पताल के डाक्टर और मेडिकल सहायक के बयान इसलिए नहीं लिए गए क्योंकि ऐसा कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं था, जिससे यह साबित हो सके कि अहमद अस्पताल गया था।
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नौ मई को होगी अगली सुनवाई
जांच अधिकारी ने दावा किया कि अस्पताल पहुंचने पर अहमद को एमएलसी बनवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन वह अपने मित्र मोहम्मद कासिम के साथ वापस हास्टल चला गया और कोई एमएलसी नहीं बनवाई। अदालत ने इस दलील को दर्ज करते हुए मामले की अगली सुनवाई नौ मई के लिए तय की है और उस दिन जांच अधिकारी को भी अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने अक्टूबर 2018 में मामले की जांच बंद कर दी थी क्योंकि नजीब अहमद का कोई सुराग नहीं मिला। दिल्ली हाई कोर्ट से अनुमति लेने के बाद एजेंसी ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। फातिमा नफीस के वकील ने अदालत में दलील दी थी कि यह राजनीतिक मामला है और सीबीआई अपने आकाओं के दबाव में आ गई है। यह मामला पहले दिल्ली पुलिस के पास था, लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया।
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