दिल्ली दंगा मामलाः ठोस सबूत के अभाव में अदालत ने 11 आरोपियों को किया बरी
कड़कड़डूमा अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में दुकानें जलाने के मामले में 11 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा। सभी गवाहों ने झूठे बयान...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। कड़कड़डूमा अदालत ने वर्ष 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में दुकानें जलाने से जुड़े मामले में 11 आरोपियों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल की अदालत ने कहा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप को अभियोजन पक्ष ठोस सबूत के साथ साबित करने में विफल रहा है। इसलिए, सभी आरोपी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक नितिन राय शर्मा ने अदालत को बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा दंगों के पीड़ितों को मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है। इसलिए अदालत ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 396 के तहत अतिरिक्त कोई आदेश पारित नहीं किया।
वहीं आरोपी पक्ष के वकील नितिन निचोड़िया ने कहा कि सभी गवाहों ने जांच अधिकारी के कहने पर घटना के अलग-अलग विवरण के साथ झूठा बयान दिया। उन्हें इस मामले में भी झूठा फंसाया गया। -------------- इन 11 आरोपियों को किया गया बरी अंकित चौधरी उर्फ फौजी, सुमित उर्फ बादशाह, पप्पू, विजय, आशीष कुमार, सौरभ कौशिक, भूपेंद्र, शक्ति सिंह, सचिन कुमार उर्फ रांचो, राहुल और योगेश को आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार से दंगा करने), 149 (गैरकानूनी जमाव), 380 (आवासीय घर में चोरी), 427 (शरारत करने का अपराध), 436 (मकान आदि को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत करने) के आरोपों से दोष मुक्त कर दिया।
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