गुजरात : मंत्री का बेटा मनरेगा घोटाले के दूसरे मामले में गिरफ्तार
गुजरात के पंचायत मंत्री बच्चूभाई खबाद के बेटे बलवंत और किरण खबाद को मनरेगा घोटाले में फिर से गिरफ्तार किया गया है। दोनों भाइयों ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से बिना सामग्री की आपूर्ति किए 33.86 लाख...

पंचायत मंत्री बच्चूभाई खबाद के बेटों ने किया मनरेगा में घोटाला पहले मुकदमें में जमानत के बाद पुलिस ने दोनों भाई फिर पकड़े सामान आपूर्ति किए बिना जाली दस्तावेज जमा कर लिया भुगतान दाहोद, एजेंसी। गुजरात के मंत्री बच्चूभाई खबाद का बेटा बलवंत खबाद रविवार को फिर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि उन्हें मनरेगा घोटाले से जुड़े दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया है। डीएसपी जगदीश सिंह भंडारी ने बताया कि उन्हें मनरेगा कार्यों से जुड़े एक अन्य मामले में जमानत मिल गई थी। बलवंत और किरण गुजरात के पंचायत एवं कृषि राज्य मंत्री बच्चूभाई खबाद के बेटे हैं।
दोनों भाइयों को अप्रैल में उनके खिलाफ दर्ज पहली एफआईआर में 29 मई को जमानत पर रिहा किया गया था। किरण को उसी दिन एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था, जबकि बलवंत रविवार को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को दाहोद बी डिवीजन पुलिस ने उनके खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की। भंडारी ने कहा, 31 मई को दर्ज रिपोर्ट के अनुसार खबाद की फर्म को 2022-23 में दाहोद के धनपुर तालुका के भानपुर गांव में मनरेगा के तहत आवंटित कार्य पूरा किए बिना सरकार से 33.86 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त हुआ। अप्रैल के बाद से दाहोद पुलिस द्वारा दर्ज की गई यह तीसरी एफआईआर है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत अनुबंध के बावजूद विभिन्न एजेंसियों ने सामग्री की आपूर्ति नहीं, लेकिन उन्हें भुगतान कर दिया गया था। यह खुलासा होने के बाद अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। दाहोद बी डिवीजन पुलिस द्वारा 31 मई को दर्ज एफआईआर के अनुसार, बलवंत खबाद की फर्म ‘श्री राज कंस्ट्रक्शन कंपनी, पिपेरो ने सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से भानपुर गांव में किए गए मनरेगा प्रोजेक्ट के लिए सामग्री की आपूर्ति किए बिना 33.86 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। पहला केस 71 करोड़ घोटाले का : इससे पहले 16 मई को बलवंत और किरण दोनों को धोखाधड़ी, जालसाजी और विश्वासघात के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब अप्रैल में 71 करोड़ के मनरेगा घोटाले के संबंध में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न एजेंसियों ने 2021 और 2024 के बीच सौंपे गए कार्य को पूरा नहीं किया था या आवश्यक सामग्री की आपूर्ति नहीं की थी। लेकिन फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाणपत्र और जाली दस्तावेज जमा कर उन्होंने भुगतान का दावा किया था। फर्जीवाड़ा करने वाली एजेंसियों के मालिक हैं दोनों भाई : पुलिस के अनुसार, बलवंत और किरण दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुका में फर्जी मनरेगा परियोजनाओं में शामिल एजेंसियों के मालिक हैं। दोनों को 29 मई को जमानत मिल गई, लेकिन उसी दिन जेल से बाहर आते ही दाहोद पुलिस ने किरण को एक नए मामले में गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी मालिकों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दाहोद बी डिवीजन पुलिस द्वारा 29 मई को दर्ज एफआईआर के अनुसार, मनरेगा के तहत दाहोद के लावरिया गांव में अधूरे काम के बावजूद किरण के स्वामित्व वाली एक फर्म सहित एजेंसियों को 18.41 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
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