India s Economy Projected to Grow at 6 7 in FY26 Amidst Strong Market Performance भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान, Delhi Hindi News - Hindustan
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भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसकी वजह चक्रीय रिकवरी और बाजार का मजबूत प्रदर्शन है। पिछले पांच वर्षों में मजबूत आय वृद्धि के साथ, सरकार के पूंजीगत व्यय और...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 3 April 2025 07:03 PM
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भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसकी वजह चक्रीय रिकवरी और बाजार का मजबूत प्रदर्शन करना है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। चक्रीय रिकवरी का मतलब उस चरण से है, जहां अर्थव्यवस्था धीमेपन से उभरती है और इस दौरान आर्थिक गतिविधि, कंज्यूमर खर्च और बिजनेस निवेश में बढ़त देखी जाती है।

लाइटहाउस कैंटन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में भारत में मजबूत आय वृद्धि देखी गई है और इस दौरान निफ्टी इंडेक्स ने 20 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी, विकास का अगला चरण सरकारी पूंजीगत व्यय, मध्यम वर्ग को टैक्स में दी गई छूट और बेहतर उपभोक्ता मांग जैसे प्रमुख कारकों पर निर्भर करेगा।

रिपोर्ट में कहा गया कि इन कारकों से 2025 में आय में सुधार और बाजार को समर्थन मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के निवेश-आधारित विस्तार ने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, सरकार राजकोषीय अनुशासन पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखे हुए है, जिससे निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी आने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। यह पांच वर्षों में पहला मौका था, जब रेपो रेट घटाया गया था। इससे आर्थिक विकास को सहारा मिलेगा।

मुद्रा की चाल वित्तीय परिदृश्य को प्रभावित करेगी

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक मोर्चे पर, बाजार के रुझान और मुद्रा की चाल भारत के वित्तीय परिदृश्य को प्रभावित करेगी। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और बढ़ती वैश्विक व्यापार गतिविधि निवेश प्रवाह को आकार दे रही है, जबकि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अपने लचीलेपन के कारण सोना एक पसंदीदा परिसंपत्ति बना हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है, इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है, जिससे भारत की आयात-निर्भर अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। 2025 में निवेशकों का ध्यान अनुशासित बाजार रणनीतियों और दीर्घकालिक निवेश अवसरों पर रहेगा।

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