India-UK Free Trade Agreement Signed Boost to Trade Investment and Jobs भारत से यूके को 99 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्त होगा, Delhi Hindi News - Hindustan
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भारत से यूके को 99 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्त होगा

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौता सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। इससे भारत का 99% निर्यात शुल्क मुक्त होगा, व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। समझौते से...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 6 May 2025 09:27 PM
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भारत से यूके को 99 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्त होगा

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत- यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और दोहरा योगदान संधि समझौता से जुड़ी वार्ता सफलतापूर्क संपन्न हो गई है। अब जल्द ही समझौता जमीनी स्तर पर अमल में आएगा। भारत के लिहाज से यह समझौता काफी अहम माना जा रहा है। इससे भारत का यूके को होने वाला 99 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्त (शून्य शुल्क) हो जाएगी, जिससे दोनों पक्षों के बीच व्यापार, निवेश और नवाचार को बढ़ावा मिलेगी। देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी तो वहीं युवाओं के लिए कारोबार के रास्ते रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यूके, जिसे यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के नाम से भी जाना जाता है, में चार देश शामिल हैं- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड।

आर्थिक लिहाज से समझौते को काफी अहम माना जा रहा है। भारत का मानना है कि समझौते के जरिए भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। यह समझौता व्यापक और दूरदर्शी वार्ता का परिणाम है, जिसका उद्देश्य वस्तुओं, सेवाओं और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करना है। इसे टिकाऊ और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित होगा, जिसे दोनों पक्षों के बीच वस्तुओं और सेवाओं को बिना किसी बाधा के कारोबार हो सकेगा। समझौते के जरिए गैर टैरिफ बाधाओं को भी दूर किया जाएगा। इसके साथ ही, भारत में उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलेगी। निवेश के लिए ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भारत बड़ा बाजार होगा। जहां पर उन्हें सस्ती और प्रशिक्षित श्रम शक्ति के जरिए अपना कारोबार एवं उद्यम खड़ा करने में सहूलियत होगी। ----- इन उत्पादों के कारोबार के लिए खुलेंगे रास्ते समझौते के जरिए भारत से जुड़े कुछ खास उत्पादों के लिए यूके के बाजार में रास्ते खुलेंगे। खास तौर पर कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खिलौने, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में भारत को बड़ा बाजार मिलेगा। इसी तरह से इंजीनियरिंग सामान, ऑटो उपकरण, इंजन और कार्बनिक रसायन जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बड़े पैमाने पर निर्यात के अवसर उपलब्ध होंगे। ---------- रोजगार के क्षेत्र में मिलेंगे अवसर समझौते के तहत सेवा क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। खासकर युवा भारतीयों को को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। आईटी/आईटीईएस, वित्तीय सेवाएं, पेशेवर एवं व्यावसायिक और शैक्षिक सेवाएं से जुड़े लोगों को आसानी से नए अवसर मिल सकेंगे। यूके में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा भुगतान से तीन साल की छूट होंगी, जो समझौते की सबसे बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है। मौजूदा नियमों के तहत ब्रिटेन में सीमित अवधि के लिए काम करने वाले भारतीय पेशेवर अपने सामाजिक सुरक्षा कोष में योगदान करते हैं, लेकिन परियोजना पूरी होने के बाद लौटने पर उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में ब्रिटेन में काम करने वाले भारतीय व्यवसायों की लंबे समय से मांग रही है कि अल्पावधि के आधार पर कुशल भारतीय पेशेवरों को लाने से जुड़े अतिरिक्त लागत के बोझ को कम किया जाए। --------- सामाजिक सुरक्षा पर कई देशों के साथ पहले से समझौता वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार अस्थाई वीजा पर ब्रिटेन में कुशल भारतीय पेशेवरों के लिए अनिवार्य राष्ट्रीय बीमा (एनआई) में योगदान सालाना प्रति कर्मचारी करीब 500 ब्रिटिश पाउंड है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) व अन्य सभी करों और स्वास्थ्य अधिभार के अतिरिक्त है। भारत ने बेल्जियम, जर्मनी, स्विटजरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड जैसे देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौते किए हैं। अब ब्रिटेन से भी यह समझौता किया गया है। भारतीयों को इन देशों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए योगदान करने की जरूरत नहीं होती है। -------------- सवा तीन वर्ष में पूरी हुई वार्ता भारत और यूके के बीच समझौते को लेकर बातचीत 13 जनवरी 2022 को वार्ता शुरू हुई थी, जो करीब साढ़े तीन साल बाद पूरी हुई है। नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच समझौते को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद इस वर्ष 24 फरवरी को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और यूके के व्यापार और कारोबार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रस्तावित एफटीए के लिए बातचीत फिर से शुरू करने का ऐलान किया था, जिसके बाद निरंतर वार्ता होने पर समझौते पर सहमति बनी है। -------------- समझौता वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत के लिए खोलेगा दरवाजे यह समझौता दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच न्यायसंगत और महत्वाकांक्षी व्यापार के लिए एक नया मानदंड स्थापित करता है। इससे भारतीय किसानों, मछुआरों, श्रमिकों, एमएसएमई, स्टार्टअप और निवेशकों को लाभ होगा। यह समझौता हमें वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने के हमारे लक्ष्य के करीब लाएगा। यह एफटीए केवल वस्तुओं और सेवाओं को लेकर नहीं है, बल्कि लोगों, संभावनाओं और समृद्धि के बारे में भी है। यह समझौता हमारे मूल हितों की रक्षा करते हुए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की अधिक भागीदारी के लिए दरवाजे खोलेगा। - पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री समझौते के प्रमुख बिंदु - मौजूदा वक्त में दोनों पक्षों के बीच 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार है, जिसके अब समझौते के बाद वर्ष 2030 तक दोगुना होने का अनुमान है। - भारत ने सुनिश्चित किया है कि वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह के लिए गैर-टैरिफ बाधाओं का उचित ढंग से समाधान किया जाए । साथ ही, भारत के निर्यात पर अनुचित प्रतिबंध न लगाएं। - एफटीए का उद्देश्य अच्छे विनियामक अभ्यासों को बढ़ावा देना और पारदर्शिता बढ़ाना । - प्रतिभाशाली और कुशल भारतीय युवाओं के लिए यूके में अपार अवसर खुलेंगे। - ब्रिटेन अपने मजबूत वित्तीय और व्यावसायिक सेवा क्षेत्रों और उन्नत डिजिटल अवसंरचना के कारण डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र है।

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