कर्नाटक में अनुसूचित जातियों की गिनती शुरू, 5 से 23 मई के बीच तीन चरणों में होगी गणना
कर्नाटक सरकार ने सोमवार से अनुसूचित जातियों की उप-जातियों की जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के लिए जातिवार गणना अभियान शुरू किया है। यह प्रक्रिया तीन चरणों में होगी, जिसमें पहले चरण का कार्य 17 मई तक...

बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक सरकार ने सोमवार से अनुसूचित जातियों (एससी) की उप-जातियों की जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के लिए जातिवार गणना अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि यह प्रक्रिया तीन चरणों में होगी और इसका उद्देश्य आरक्षण लाभों का समान वितरण सुनिश्चित करना और सामाजिक न्याय को बनाए रखना है। सोमवार से शुरू हुआ पहला चरण 17 मई तक चलेगा। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एचएन नागमोहन दास के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग इस प्रक्रिया की देखरेख करेगा। उन्हें अनुसूचित जातियों की सूची में उप-कोटा पर स्पष्ट रिपोर्ट देने का काम सौंपा गया है। आयोग को 60 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है।
तीन चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया यह गणना 5 से 23 मई के बीच तीन चरणों में अलग-अलग तरीकों से की जाएगी। सोमवार से शुरू हुआ पहला चरण 17 मई तक चलेगा। इसमें गणनाकर्मी घर-घर जाकर गणना करेंगे। दूसरा चरण 19 से 21 मई के बीच आयोजित किया जाएगा और इस चरण के तहत पहले चरण में छूट गए लोगों के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए तीसरा चरण भी 19 मई से शुरू होगा और 23 मई तक चलेगा। अपने शहरों से बाहर रह रहे लोग इसका लाभ उठा सकते हैं। 100 करोड़ रुपये होंगे खर्च इस कवायद पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 65,000 शिक्षकों को गणनाकर्मी के रूप में शामिल किया जाएगा। सभी 10-12 सर्वेक्षकों पर एक पर्यवेक्षक तैनात किया गया है। सिद्धरमैया ने कहा कि इस कवायद का उद्देश्य अनुसूचित जाति सूची में 101 जातियों पर अनुभवजन्य डेटा तैयार करना है। यह कदम 1 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें राज्यों को अनुभवजन्य साक्ष्य के आधार पर अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक कोटा लागू करने की अनुमति दी गई थी।
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