चांद दिखा, ईद-उल-अजहा सात जून को
दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में चांद दिखाई दिया, जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने घोषणा की कि ईद-उल-अजहा 7 जून को मनाई जाएगी। शाही इमामों ने चांद की पुष्टि की और बकरीद की तैयारियों की जानकारी दी। इस...

दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में बुधवार शाम को चांद दिखाई दिया, जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने घोषणा की कि देश में ईद-उल-अजहा 7 जून को मनाई जाएगी। चांदनी चौक की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने जिल हिज्जा की शुरुआत का चांद शाम को मस्जिद से साफ दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों से भी चांद दिखने की पुष्टि हुई है। अहमद ने कहा कि इसलिए ईद-उल-अजहा का त्योहार 7 जून को मनाया जाएगा। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने एक बयान में चांद दिखने की तस्दीक की।
इसी तरह लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने और मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने चांद की तस्दीक की। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ईद-उल-अजहा पर्व 7 जून को परंपरा व अमन शांति के साथ मनाया जाएगा। -बकरीद की तैयारियां शुरू जिलहिज्जा इस्लाम धर्म का 12वां व अंतिम महीना है। चांद दिखने के साथ ही बाजारों में पर्व की रौनक दिखने लगी। बकरों की खरीदारी शुरू हो गई है। गली मोहल्ले में कुर्बानी के बकरे बिक रहे हैं। -इसी माह अदा होता है हज कारी मोहम्मद सिद्दीक ने बताया कि जिलहिज्जा माह में ही देश व दुनिया के लाखों मुसलमान हज अदा करते हैं। भारत से भी बड़ी संख्या में हज यात्री मक्का व मदीना शरीफ पहुंचे हुए हैं। -शिया और सुन्नी उलेमाओं ने चांद देख की तस्दीक नई दिल्ली, लखनऊ, कार्यालय संवाददाता इस्लामी माह जिलहिज्जा का चांद बुधवार को देखा गया। जिले में देखा गया। उलमा किराम ने ऐलान किया कि जिलहिज्जा की पहली तारीख गुरुवार 29 मई को होगी। शनिवार 7 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व अकीदत व रवायत के मुताबिक मनाया जाएगा। वहीं 7, 8 व 9 जून को लगातार तीन दिन तक कुर्बानी की जाएगी। उलमा किराम ने पर्व में अमन, शांति व भाईचारा बनाए रखने और साफ-सफाई का खास ख्याल रखने की अपील की है। मुसलमानों द्वारा 7, 8 व 9 जून को कुर्बानी अदा की जाएगी। उलेमाओं ने अपील की है कि कुर्बानी पर जरूरी बातों को ध्यान रखे। कुर्बानी के फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड न किए जाए, जानवरों का खून नालियों में न बहाया जाए।
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