ओला इलेक्ट्रिक से मांगी वाहन बिक्री की पूरी जानकारी
ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ रही हैं। महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। भारी उद्योग मंत्रालय ने कंपनी से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और पंजीकरण का रिकॉर्ड मांगा...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किल बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में परिवहन विभाग द्वारा कंपनी पर की जा रही कार्रवाई के बार भारी उद्योग मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और पंजीकरण से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है। कंपनी की तरफ से जबाव आने पर मंत्रालय द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय सब्सिडी से जुड़े नजरिए से भी जांच कर रहा है, जिसमें देखा जा रहा है कि ओला इलेक्ट्रिक की तरफ से दोपहिया वाहनों की बिक्री करते वक्त कितने वाहनों के सापेक्ष सब्सिडी का दावा किया गया। प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम के तहत जितने वाहनों की सब्सिडी जारी की गई, उतने वाहनों का पंजीकरण कराया गया या नहीं। अगर इसमें गड़बड़ी मिलती है तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
एक अधिकारी कहते हैं कि जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कंपनी द्वारा सब्सिडी लेने में कोई गड़बड़ी तो नहीं की गई है। गड़बड़ी मिलती है तो यह वित्तीय रूप से हेराफेरी का मामला होगा, जिसमें सख्त कार्रवाई होगी। ध्यान रहे कि कंपनी के ऊपर आरोप है कि उसने फरवरी में करीब 25 हजार स्कूटर की बिक्री की लेकिन पंजीकरण करीब पौन नौ हजार स्कूटर का ही किया गया। महाराष्ट्र में परिवहन विभाग ने बिना पंजीकरण के दौड़ रहे ओला के काफी स्कूटरों को पकड़ा, जिनका पंजीकरण नहीं था लेकिन उसके पास वैध व्यापार प्रमाण पत्र था। इसी तरह की कार्रवाई पंजाब व झारखंड में हुई, जिसके बाद भारी उद्योग मंत्रालय ने मामले में संज्ञान लिया।
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