खेल : पंजाब-बेंगलुरु में फाइनल के लिए लड़ाई
पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच पहले क्वालीफायर में मुकाबला होगा। विजेता टीम फाइनल में पहुंचेगी, जबकि हारने वाली को दूसरा मौका मिलेगा। पंजाब ने 2014 के बाद पहली बार प्लेऑफ में जगह बनाई...

खेल : पहले क्वालीफायर में दोनों टीमें मुल्लांपुर में टकराएंगी, विजेता टीम खिताबी मुकाबले में पहुंचेगी तो हारने वाली को मिलेगा एक और मौका मुल्लांपुर (चंडीगढ़), एजेंसी। शानदार फॉर्म में चल रहीं पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीमों में गुरुवार को फाइनल का टिकट कटाने के लिए रोमांचक जंग होने की उम्मीद है। श्रेयस अय्यर की अगुआई में पंजाब की टीम 14 साल में पहली जबकि कुल दूसरी खिताबी मुकाबले में पहुंचने को बेताब होगी। वहीं बेंगलुरु भी आठ साल में पहली और कुल चौथी बार फाइनल में पहुंचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा। इस मैच की विजेता टीम तीन जून को होने वाले खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लेगी।
तो हारने वाली को दूसरे क्वालीफायर में खेलकर एक और मौका मिलेगा। पंजाब ने 2014 के बाद पहली बार प्लेऑफ में जगह बनाई है। इसका श्रेय श्रेयस और रिकी पोंटिंग (मुख्य कोच) की जोड़ी को जाता है जिन्होंने टीम की संस्कृति को बदलकर उसे नया स्वरूप प्रदान किया। वहीं बेंगलुरु को नॉकआउट चरण में कई बार हार का सामना करना पड़ा है। इस बार वह टीम खिताब के सूखे को खत्म करने की उम्मीद कर रही है। उनके अपने शब्दों में खिताब के दोनों दावेदारों के लिए काम अभी आधा ही हुआ है। श्रेयस-पोंटिंग की जोड़ी पंजाब में शानदार बदलाव लेकर आई है। टीम ने लीग चरण में शुरू से लेकर आखिर तक अच्छा प्रदर्शन किया है। यह संयोजन खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने में सफल रहा है, जिससे यह एक मजबूत टीम बन गई है। प्रभसिमरन सिंह और प्रियांश आर्य की सलामी जोड़ी ने श्रेयस और जोश इंग्लिस जैसे खिलाड़ियों के लिए मंच तैयार किया है। फिनिशर शशांक सिंह ने लगातार अपने खेल में सुधार किया है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मार्कस स्टोइनिस ने बल्ले से अपनी क्षमता का पता लगाकर बल्लेबाजी को और अधिक मजबूत बना दिया है। पंजाब के लिए चिंता का विषय गेंदबाजी विभाग है। विशेषकर दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मार्को यानसेन के जाने के बाद, जो राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने के लिए स्वदेश लौट गए हैं। यानसेन ने पावरप्ले और डेथ ओवरों में महत्वपूर्ण ओवर फेंके और टीम को निश्चित रूप से उनकी कमी खलेगी। काइल जैमीसन ने आपने पहले मैच में कुछ उम्मीद जगाई है, लेकिन उन्हें प्रभाव छोड़ने के लिए बेहतर गेंदबाजी करनी होगी। ऑलराउंडर अजमतुल्लाह उमरजई भी यानसेन की जगह ले सकते हैं। लेग स्पिनर युज्वेंद्रा चाहल उंगली की चोट के कारण पिछले दो मैचों में नहीं खेल पाए थे। उनके इस महत्वपूर्ण मैच में वापसी करने और हमेशा सटीक गेंदबाजी करने वाले हरप्रीत बरार के साथ मजबूत जोड़ी बनाने की उम्मीद है। अर्शदीप सिंह अपनी फ्रेंचाइजी के लिए लंबे समय से बेहतरीन तेज गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने खेल के सभी चरणों में अच्छा प्रदर्शन किया है। बेंगलुरु को भी टूर्नामेंट के अंतिम चरण में कुछ खिलाड़ियों की चोट को लेकर चिंता थी लेकिन वह काफी हद तक दूर हो गई है। तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के पूरी तरह फिट होने की उम्मीद है। टिम डेविड भी चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे, जिससे टीम में अधिक संतुलन आएगा। टीम पिछले कई वर्षों से अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर निर्भर रही है। जितेश जैसे खिलाड़ियों के मध्यक्रम में अपनी क्षमता दिखाने के बाद ऐसा लगता है कि यह बदल रहा है। जितेश ने मंगलवार रात को अपने आईपीएल करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। प्लेऑफ में जाने से पहले उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर होगा। टीम के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण होगा कि फिल सॉल्ट पावरप्ले में अपनी सर्वश्रेष्ठ विस्फोटक बल्लेबाजी करें। कोहली उसी तरह बल्लेबाजी करते रहें जैसे वे पूरे सत्र में करते आए हैं। टीम लीग चरण में इस मैदान पर पंजाब पर अपनी जीत से प्रेरणा लेने की कोशिश करेगी। यहां की पिच का व्यवहार अभी तक अप्रत्याशित रहा है। यहां खेले गए चार मैचों की पहली पारी में सिर्फ एक बार 200 रन बने हैं। पंजाब को अपने घरेलू मैदान पर जीत का भरोसा होगा। पिछले महीने उसने यहां कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 111 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया था। ---------------------- प्रसारण : शाम 7.30 बजे से स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर --------------------- विरोधियों के मैदान पर अजेय है बेंगलुरु बेंगलुरु का इस सत्र में विरोधियों के घर में प्रदर्शन दमदार रहा है। टीम ने घर के बाहर अपने सभी सात मैच जीते हैं। वह टूर्नामेंट के इतिहास में प्रतिद्वंद्वियों के घर में एक सत्र में लीग में अजेय रहने वाली इकलौती टीम है। हालांकि मुंबई और कोलकाता ने भी 2012 में घर के बाहर सात मैच जीते थे लेकिन तब आठ मैच खेले जाते थे और टीम ने एक हारा था। वहीं गुजरात ने 2013 में सात में से छह मैच जीते थे। ---------------- कोहली का अनोखा रिकॉर्ड शानदार फॉर्म में चल रहे विराट कोहली ने इस सत्र आठ अर्धशतकीय पारियां खेली और सभी में टीम को जीत मिली जो एक रिकॉर्ड है। इससे पहले कोहली और वॉर्नर (2016) और शुभमान गिल (2023) ने सात-सात बार पचास प्लस का स्कोर किया था और टीम ने जीत दर्ज की थी। पाचवीं बार छह से ज्यादा रन बनाने वाले अकेले कोहली लीग के 18 साल के इतिहास में पांचवीं बार एक सत्र में 600 या अधिक रन बनाने वाले इकलौते खिलाड़ी बन गए हैं। कोहली 13 मैचों में 60.20 की औसत और 147.91 की स्ट्राइक रेट से 602 रन बना चुके हैं। उन्होंने केएल राहुल (4 बार) को पीछे छोड़ दिया है। ----------------------- आमने-सामने कुल मैच : 35 बेंगलुरु जीता : 17 पंजाब जीता : 18 ---------------- नंबर गेम -2 मैच इस सत्र में दोनों ने खेले जिसमें पंजाब ने एक और बेंगलुरु ने एक जीता -7 विकेट से हराया था बेंगलुरु ने पंजाब को मुल्लांपुर में इस सत्र में खेले गए पिछले मैच में ----------------------------
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