ढाई साल में हाईकोर्ट के 13 जज पूर्व या मौजूदा जजों के रिश्तेदार
सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने पिछले ढाई साल में उच्च न्यायालयों के लिए 221 जजों के नामों की सिफारिश की है। इनमें से 14 नाम ऐसे हैं जो मौजूदा या पूर्व जजों के रिश्तेदार हैं। केंद्र सरकार ने इनमें से...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने पिछले करीब ढाई साल में उच्च न्यायालयों में जजों के लिए 221 नामों की सिफारिश केंद्र सरकार से की। इनमें से 14 नाम ऐसे थे, जो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व या मौजूदा जज के रिश्तेदार थे। मौजूदा या पूर्व जजों के जिन 14 रिश्तेदारों को उच्च न्यायालयों में जज बनाने के लिए कोलेजियम ने सिफारिश की है, उनमें से एक को छोड़कर बाकी सभी नामों को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी। इसका खुलासा, देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवंबर, 2022 से 5 मई 2025 के बीच उच्च न्यायालयों में जज की नियुक्ति के लिए कोलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों का ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए जारी की गई रिपोर्ट से हुई है।
आंकड़ों से पता चलता है कि देश के उच्च न्यायालयों में नवंबर, 2022 से मई 2025 तक 6.3 फीसदी जज के रिश्तेदार नियुक्त हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली कोलेजियम ने नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 के बीच उच्च न्यायालयों में जज की नियुक्ति के लिए 303 नामों से 170 को मंजूरी दी थी। पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के पूर्व या मौजूदा जजों के रिश्तेदारों में 12 नामों को जज बनाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है। इसमें, सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा जज के रिश्तेदार (ब्रदर इन लॉ) भी शामिल हैं। इसी तरह, 11 नवंबर, 2024 से अब तक मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने 103 नामों में से हाईकोर्ट में जज की नियुक्ति के लिए 51 नामों को केंद्र सरकार को भेजा। मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने भी पूर्व या मौजूदा जज के दो रिश्तेदारों को हाईकोर्ट में जज बनाने की सिफारिश की। नवंबर, 2022 से अब तक केंद्र को उच्च न्यायालयों में जज की नियुक्ति के लिए भेजे गए कुल 221 नामों में से अभी तक केंद्र सरकार ने 29 नामों को मंजूरी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विवरण सार्वजनिक करते हुए कहा कि न्यायापालिका में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लोगों के भरोसे को मजबूत करने के लिए जजों की नियुक्ति से जुड़ी सभी जानकारी सार्वजनिक की जा रही है। शीर्ष अदालत ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नियुक्ति के लिए अनुशंसित व्यक्ति को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान/सेवानिवृत्त जज से संबंधित माना जाता है, यदि ऐसा जज उसका पिता, माता, ससुर, सास, बहन, भाई, भाभी या साला है। तत्कालीन सीजेआई चंद्रचूड़ ने 56 फीसदी नामों को दी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि हाईकोर्ट के कोलेजियम ने 9 नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 तक देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को 303 उम्मीदवारों के नाम भेजे थे। इनमें से कोलेजियम ने 170 यानी 56 फीसदी नामों को मंजूरी दी। इनमें से 12 यानी 7 फीसदी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व या मौजूदा न्यायाधीशों से रिश्तेदार थे। सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाली कोलेजियम ने 11 नवंबर, 2024 से अब तक प्राप्त 103 नामों में से 51 को मंजूरी दे दी है। इन्होंने मौजूदा या पर्व जजों के दो रिश्तेदारों को जज बनाने की सिफारिश की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।