बिना सबूत आरोप लगाने पर ईडी को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी अरविंद सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को बिना सबूत के आरोप लगाने के लिए फटकार लगाई। न्यायालय ने कहा कि अभियोजन इस तरीके से टिक नहीं पाएगा।...

274 शब्द सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई की नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शराब घोटाला मामले में आरोपी के खिलाफ ‘बिना किसी सबूत के आरोप लगाने के लिए ईडी को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि यह एक चलन बन गया है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ छत्तीसगढ़ में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में अरविंद सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि ईडी ने कई मामलों में यही तरीका अपनाया है। आप बिना किसी सबूत के सिर्फ आरोप लगाते हैं।
अभियोजन इस तरीके से अदालत के सामने टिक नहीं पाएगा। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने आरोप लगाया कि सिंह ने विकास अग्रवाल नामक एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलीभगत करके 40 करोड़ रुपये कमाए। जब अदालत ने पूछा कि क्या अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है, तो राजू ने जवाब दिया कि वह फरार है। पीठ ने कहा कि आपने एक विशिष्ट आरोप लगाया है कि उन्होंने (सिंह ने) 40 करोड़ रुपये कमाए। अब आप इस व्यक्ति का इस या किसी अन्य कंपनी से संबंध नहीं दिखा पा रहे हैं। अदालत ने कहा कि आपको यह बताना चाहिए कि क्या वह उन कंपनियों के निदेशक हैं, क्या वह बहुलांश शेयरधारक हैं, क्या वह प्रबंध निदेशक हैं। कुछ तो होना ही चाहिए। राजू ने कहा कि कोई व्यक्ति किसी कंपनी को नियंत्रित कर सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वह कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि एजेंसी बेबुनियाद आरोप लगा रही है। मामले की अगली सुनवाई नौ मई को होगी।
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