नीटी-पीजी दो शिफ्टों में कराने पर केंद्र और अन्य से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2025 की दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने की...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम में दाखिल के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2025 दो शिफ्टों मे आयोजित करने संबंधी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में नीट-पीजी 2025 दो शिफ्टों में कराने के बजाए के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करने और सिर्फ एक शिफ्ट में परीक्षा करने का आदेश देने की मांग की गई है ताकि सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान, पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा का माहौल सुनिश्चित किया जा सके।
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने डॉ. अदिति सहित 7 डॉक्टरों की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए मामले में केंद्र सरकार के अलावा, एनबीईएमएस और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद (एनएमसी) को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में एनबीईएमएस को सिर्फ एक शिफ्ट में नीट-पीजी 2025 आयोजित करने और इसके लिए देश भर में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का आदेश देने की मांग की है। नीट पीजी का आयोजन एनबीईएमएस को स्नातकोत्तर और पोस्टडॉक्टोरल परीक्षाएं आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसके परिणामस्वरूप डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) और डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीआरएनबी) और फेलो ऑफ नेशनल बोर्ड (एफएनबी) की उपाधि प्रदान की जाती है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एनबीईएमएस द्वारा दो शिफ्ट में परीक्षा कराने के लिए 16 अप्रैल को जारी अधिसूचना को को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से गैर बराबरी की संभावना है क्योंकि विभिन्न पालियों में कठिनाई का स्तर अलग-अलग होगा, पारदर्शी और सटीक सामान्यीकरण प्रक्रिया की चुनौतियां होंगी और उम्मीदवारों के लिए तनाव और परेशानी बढ़ेगी। अधिवक्ता सुकृति भटनागर की ओर से सभी प्रतिभागियों के लिए प्रतिस्पर्धा के न्यायसंगत, निष्पक्ष, उचित और बराबरी के आधार को बनाए रखने के लिए नीट-पीजी 2025 को एक ही शिफ्ट में आयोजित करने के निर्देश देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि एक ही शिफ्ट में परीक्षा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसमें 0.1 अंक का अंतर भी एक उम्मीदवार की रैंक को सैकड़ों और हजारों तक बदल सकता है। नीट पीजी दो शिफ्टों में आयोजित किए जाने को संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रतिभागियों के अधिकारों का सीधे तौर पर उल्लंघन है क्योंकि मॉडरेशन और सामान्यीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण प्रतियोगिता के न्यायसंगत, निष्पक्ष, उचित और बराबरी के आधार को बनाए रखना लगभग असंभव है।
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