Supreme Court Slams DDA Officials for Illegal Tree Cutting in Delhi पेड़ काटने को लेकर डीडीए अफसरों का रवैया अवमाननापूर्ण : शीर्ष कोर्ट, Delhi Hindi News - Hindustan
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पेड़ काटने को लेकर डीडीए अफसरों का रवैया अवमाननापूर्ण : शीर्ष कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के रिज क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए अवैध रूप से पेड़ काटने पर डीडीए अधिकारियों को फटकार लगाई। कोर्ट ने अधिकारियों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 28 May 2025 09:40 PM
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पेड़ काटने को लेकर डीडीए अफसरों का रवैया अवमाननापूर्ण : शीर्ष कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रतिबंध के बावजूद दक्षिणी दिल्ली के रिज क्षेत्र में सड़क चौड़ी करने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पेड़ काटने के मामले में डीडीए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने अवैध रूप से पेड़ काटने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कहा कि पेड़ काटने को लेकर अधिकारियों का रवैया अवमाननापूर्ण रहा है। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि यह मामला संस्थागत गलत कामों और प्रशासनिक अतिक्रमण का एक क्लासिक उदाहरण है, जिसकी वजह से न सिर्फ अदालती आदेशों की अवहेलना हुई बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा।

शीर्ष अदालत ने डीडीए अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि पीठ ने कहा कि हम डीडीए के उपाध्यक्ष रहे आईएएस अधिकारी सुभाषीश पांडा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर रहे हैं क्योंकि वह अब डीडीए में नहीं है। आदेश की अवहेलना कड़ा रुख अपनाना चाहिए शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक राष्ट्र के रूप में जो कानून के शासन में निहित है और लोगों का न्यायपालिका में बहुत अधिक विश्वास होता है, ऐसे में जब आदेश की जानबूझकर अवहेलना की जाती है, तो अदालत को कड़ा रुख अपनाना चाहिए। पीठ ने कहा कि इस मामले में हमने डीडीए अफसरों के आचरण को 2 भागों में विभाजित किया है। पेड़ काटने के लिए अनुमति लेने की जरूरत का पालन नहीं करना और अदालत से जानबूझकर इस बात को छिपाना कि पेड़ों की कटाई पहले ही हो चुकी है। पीठ ने कहा कि जानबूझकर तथ्यों को छिपाना न्यायिक प्रक्रिया के मूल में आघात करता है और संभावित रूप से प्रतिवादियों का आचरण अवमाननापूर्ण रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीडीए अधिकारियों द्वारा अनुमति के बगैर पेड़ों को काटना और फिर इसे छिपाने का प्रयास करने का कृत्य आपराधिक अवमानना के दायरे में आता है। अदालत का कर्तव्य है जनहित के निर्णयों पर विचार करना शीर्ष अदालत ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण परियोजना अर्धसैनिक बलों के लिए अस्पताल की सेवा के लिए शुरू की गई थी, जो अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की जरूरतों को पूरा करता है। पीठ ने कहा कि संवैधानिक अदालत का कर्तव्य है कि वह व्यापक जनहित के निर्णयों पर विचार करे और अपने निर्णयों में संवैधानिक नैतिकता, सामाजिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होता है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। पीठ ने पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए पूर्व उपाध्यक्ष सुभाषीश पांडा को अवमानना नोटिस जारी किया था और उपराज्यपाल एवं अध्यक्ष वी.के. सक्सेना को निर्देश दिया था कि वे फरवरी 2024 में रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ों को कथित तौर पर अवैध रूप से काटने के दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जानकारी दे। जिन्हें लाभ हुआ उन पर शुल्क लगाएं सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को रिज क्षेत्र में रहने वाले उन सभी धनाढ्य लोगों पर एकमुश्त शुल्क लगाने को कहा, जिन्हें सड़क चौड़ीकरण से फायदा हुआ है। पीठ ने दिल्ली सरकार को संबंधित हितधारकों के परामर्श से सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लाभार्थियों की पहचान करने को कहा है ताकि उन पर शुल्क लगाया जा सके। पेड़ लगाने के लिए 185 एकड़ भूमि मुहैया कराए डीडीए शीर्ष अदालत ने कहा कि डीडीए और दिल्ली सरकार द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए तीन माह के भीतर संयुक्त रूप से तत्काल समुचित कदम उठाएं जाएं। साथ ही, इसकी देखरेख के लिए पीठ ने एक समिति का भी गठन किया है। बड़े पैमाने पर पेड़ न लगाने के लिए शीर्ष अदालत ने 185 एकड़ भूमि की पहचान करने और इसका पूरा ब्यौरा समिति को देने को कहा है। पीठ ने कहा कि यदि समिति को वनरोपण योजना बनानी है, जिसे वन विभाग अपनी देखरेख में क्रियान्वित करेगा। पूरी लागत डीडीए वहन करेगी वनरोपण की पूरी लागत डीडीए द्वारा वहन की जाएगी। पीठ ने डीडीए और वन विभाग को वन क्षेत्रों के रखरखाव का साक्ष्य देते हुए एक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने डीडीए और दिल्ली सरकार को राजधानी के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए समिति द्वारा निर्धारित अन्य व्यापक उपायों को लागू करने को कहा है।

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