सुप्रीम कोर्ट में 3 नए जज ने कार्यभार संभाला
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा नियुक्त तीन जजों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया, विजय बिश्नोई और ए.एस. चंदुरकर को शपथ दिलाई। अब...

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा नियुक्त 3 जज ने शुक्रवार को शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपना कामकाज संभाल लिया। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त जज एन.वी. अंजारिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस ए.एस. चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई। शीर्ष अदालत परिसर में आयोजित एक समारोह में जज को शपथ दिलाई गई। इसके बाद शीर्ष अदालत में मुख्य न्यायाधीश सहित जज की संख्या 34 हो गई। सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अंजारिया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बिश्नोई और बॉम्बे हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति चंदुरकर को शीर्ष अदालत के जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस हृषिकेश रॉय के सेवानिवृत्त होने के बाद शीर्ष अदालत में जज के तीन मौजूदा रिक्त पदों को भरने के लिए कोलेजियम ने केंद्र से उनके नामों की सिफारिश की गई थी। जस्टिस अंजारिया ने 25 फरवरी, 2024 को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले, उन्हें 21 नवंबर, 2011 को गुजरात हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया था और 6 सितंबर, 2013 को स्थायी जज के रूप में पुष्टि की गई थी। 23 मार्च, 1965 को अहमदाबाद में जन्मे न्यायमूर्ति अंजारिया ने 1989 में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, अहमदाबाद से कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अगस्त 1988 से गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की और संवैधानिक मुद्दों और सभी श्रेणियों के दीवानी मामलों, श्रम और सेवा से जुड़े मामलों का संचालन किया। न्यायमूर्ति बिश्नोई ने 5 फरवरी, 2024 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें 8 जनवरी, 2013 को राजस्थान हाईकोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया और 7 जनवरी, 2015 को उन्होंने स्थायी जज के रूप में शपथ ली। 26 मार्च, 1964 को जोधपुर में जन्मे न्यायमूर्ति बिश्नोई 8 जुलाई, 1989 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट और जोधपुर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में वकालत की। 7 अप्रैल, 1965 को जन्मे न्यायमूर्ति चंदुरकर कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद 21 जुलाई, 1988 को बार में शामिल हुए। न्यायमूर्ति चंदुरकर 1992 में नागपुर चले गए और विभिन्न अदालतों में वकालत की। उन्हें 21 जून, 2013 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया था।
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