नए नोएडा के लिए मई से होगा जमीन अधिग्रहण, NCR के 80 गांवों की जमीन पर बसेगा सुंदर शहर
नया नोएडा बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए मई से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा रेट तय करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन अधिग्रहण होने के बाद ले आउट प्लान तैयार किया जाएगा।

नोएडा ने अब 50 वें साल में कदम रख दिया है। पांच दशक देख चुके इस शहर के नाम के साथ जोड़ते हुए अब नया नोएडा बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए मई से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
नया नोएडा बसाने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को ही मिली है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा रेट तय करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन अधिग्रहण होने के बाद ले आउट प्लान तैयार किया जाएगा। नया नोएडा बुलंदशहर और दादरी के 80 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर महीने में शासन ने नए नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी थी। नए नोएडा को कागजों में दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) नाम दिया गया है। नया नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इसके लिए 80 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिसे नोटिफाई किया जा चुका है। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। यह मास्टर प्लान एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट) दिल्ली ने बनाया है। ये शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ग्रोथ इंजन होगा।
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को प्राधिकरण की 210 वीं बोर्ड में रखा गया था। सितंबर 2023 में इस मास्टर प्लान पर आपत्तियां मांगी गईं, जिसके बाद 12 जनवरी 2024 को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया था। इसे चार फेज में पूरा किया जाएगा। वर्ष 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने की योजना है।
जमीन अधिग्रहण की अलग-अलग प्रक्रिया : नोएडा में अधिकांश हिस्से की जमीन का अधिग्रहण धारा चार और छह के तहत जिला प्रशासन के जरिए किया गया। कुछ जगह किसानों से आपसी सहमति से जमीन ली गई। इसके अलावा यह भी विचार है कि गुरुग्राम की तर्ज पर सीधे डेवलपर को जमीन लेने का जिम्मा देते हुए लाइसेंस दिया जाए। इसमें प्राधिकरण उस एरिया का बाहरी विकास करेगा, जबकि डेवलपर आंतरिक विकास। अधिकारियों का कहना है कि कि अभी तक कोशिश की जा रही है कि आपसी सहमति से ही किसानों से जमीन ली जाए।
भूमि अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ का बजट
डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये के बजट को नोएडा प्राधिकरण ने पिछले महीने हुई बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी थी। जमीन अधिग्रहण के समय इस राशि का प्रयोग किया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण को बसाने की जिम्मेदारी मिली
शासन ने 29 अगस्त 2017 में विशेष निवेश क्षेत्र गठित किया गया था, जिसको डीएनजीआईआर नाम दिया गया। शुरुआत में इसको बसाने की जिम्मेदारी यूपीसीडा को दी गई थी, लेकिन बाद में आंशिक संशोधन किया गया। शासन ने 29 जनवरी 2021 इस क्षेत्र को बसाने का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को दिया गया। बता दें कि पूरे शहर को एक साथ बसाने के बजाए इसे अलग-अलग चार जोन में बांटकर बसाया जाएगा। मास्टर प्लान तैयार करने वाली एसपीए ने शिकागो और अन्य यूरोपियन देशों की तर्ज पर इसे जोन में बांट विकसित करने का प्लान तैयार किया है।
चार चरणों में पूरा होगा काम
1. प्रथम चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2027 तक पूर्ण किया जाना है।
2. द्वितीय चरण में 3798 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2032 तक पूर्ण किया जाना है।
3. तृतीय चरण में 5908 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2037 तक पूर्ण किया जाना है।
4. चौथे चरण में 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2041 तक किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
लोकेश एम. सीईओ, नोएडा प्राधिकरण, ''नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण करने का काम अगले महीने मई से शुरू कर दिया जाएगा। इसे देश के सबसे अच्छे शहरों में से एक बनाएंगे।''