फोन चुराने वाले गिरोह के दो बदमाश गिरफ्तार
- चोरी की बाइक से रेकी कर वारदात करते थे - बदमाशों की निशानदेही पर

नोएडा,वरिष्ठ संवाददाता। बाइक से रेकी करने के बाद घरों समेत अन्य स्थानों से मोबाइल चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सेक्टर-39 थाने की पुलिस ने सरगना समेत दो आरोपियों को दबोच लिया। बदमाशों के पास से चोरी की बाइक, पांच मोबाइल, तमंचा और कारतूस समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि घरों से मोबाइल चोरी होने के कई मामले सामने आने के बाद गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए एक टीम गठित की गई थी। गुरुवार रात को महर्षि रोड टी प्वाइंट के पास एक बाइक पर सवार होकर दो युवक गुजरे। संदिग्ध लगने पर जब पुलिस टीम ने दोनों को रुकने का इशारा किया तो वे तेजी से भागने लगे।
पीछा कर पुलिस टीम ने दोनों को दबोच लिया और पूछताछ शुरू की। इस दौरान पता चला कि दोनों युवक शातिर किस्म के अपराधी हैं, जो रेकी करने के बाद घरों से मोबाइल चुराते हैं। आरोपियों की पहचान सीतापुर निवासी सत्यम कुमार और मऊ निवासी आदित्य के रूप में हुई है। दोनों वर्तमान में भूड़ा गांव में किराये का कमरा लेकर रहते हैं। बरामद बाइक दोनों ने दो माह पहले थानाक्षेत्र से ही चोरी की थी। बदमाशों के पास से जो पांच मोबाइल मिली है, उसे दोनों ने दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग हिस्से से चुराया था। दोनों चोरी के मोबाइल को जब बेचने जा रहे थे, तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। 12वीं पास है सरगना गिरोह का सरगना सत्यम 12वीं पास है। वहीं, उसका साथी हाईस्कूल पास है। दोनों की वर्तमान में उम्र 18-18 साल है। दोनों जब नाबालिग थे, तभी नोएडा चले आए और चोरी की वारदात करने लगे। आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण आदित्य के परिवार वालों ने उससे दूरी बना ली थी। ऐसे में कम उम्र ही में वह नोएडा आ गया है वारदात करने लगा। दोनों के अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी अबतक 50 से अधिक वारदात कर चुके हैं। चोरी के मोबाइल को आरोपी राहगीरों को मजबूरी बताकर बेहद कम दाम में बेच देते हैं। 20 हजार कीमत के मोबाइल को आरोपी महज दो हजार में और 50 हजार तक के मोबाइल को पांच हजार में बेच देते हैं। वहीं, चोरी की मोटरसाइकिल को भी छह से नौ हजार रुपये के बीच में बेच दिया जाता है। रात में ही करते हैं वारदात थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों आरोपी रात में नौ बजे के आसपास क्षेत्र में चोरी की बाइक से निकलते हैं। जिस घर में लोग सोते हुए मिलते हैं उसी घर में चुपके से घुस जाते हैं और पलक झपकते ही मोबाइल और लैपटॉप चुरा लेते थे। जिस क्षेत्र में आरोपी वारदात करते हैं फिर अगले दस से 15 दिन तक उधर नहीं जाते। वारदात में स्थानीय लोगों के भी शामिल होने की आशंका है, जो उन घरों की जानकारी देते हैं जहां वारदात होती है। चोरी के सामान को बेचकर जो भी पैसा मिलता है आरोपी उसे आपस में बांट लेते हैं। कमरे का किराया समेत अन्य खर्चा इसी से आरोपियों का पूरा होता है। एक साल में 63 कम उम्र के अपराधी पकड़े बीते एक साल में करीब 63 ऐसे आरोपी अलग-अलग थानाक्षेत्र से पकड़े गए हैं, जिनकी उम्र 18 से 21 साल के बीच है। मोबाइल लूट और चोरी की वारदात में सबसे ज्यादा कम उम्र के अपराधी दबोचे गए हैं। गिरफ्त में आए आरोप नामी कंपनी के कपड़े पहनने के शौकीन हैं। जिस समय आदित्य वारदात करता है, उस समय उसका साथी मोबाइल स्टार्ट कर पास में खड़ा होता है ताकि खतरा होते ही तुरंत भागा जा सके। चोरी का विरोध करने पर लोगों को डराने के लिए आरोपी अपने पास तमंचा रखते हैं। आरोपियों को तमंचा कहां से मिला इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।