अगर हम सारे सीवेज को;मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कैसे साफ होगी दिल्ली में यमुना नदी
- दिल्ली में यमुना नदी के सफाई का मुद्दा सबसे बड़ा है। यही कारण है कि दिल्ली की नई सरकार इसकी सफाई को लेकर सरकार बनने के बाद पहले दिन से ही ऐक्शन मोड में है। रेखा सरकार ने इसकी सफाई की डेडलाइन भी तय कर दी है।

दिल्ली में यमुना नदी के सफाई का मुद्दा सबसे बड़ा है। यही कारण है कि दिल्ली की नई सरकार इसकी सफाई को लेकर सरकार बनने के बाद पहले दिन से ही ऐक्शन मोड में है। रेखा सरकार ने इसकी सफाई की डेडलाइन भी तय कर दी है। इसी सिलसिले में दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने तिमारपुर में ऑक्सीडेशन तालाब का निरीक्षण किया। उन्होंने यमुना की सफाई में रोड़ा बने सीवेज के पानी रोकने का विकल्प दिया है। उन्होंने इससे पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी दौरा किया था।
पत्रकारों से बातचीत में प्रवेश वर्मा ने कहा कि अगर सारा सीवेज रोक लिया जाए तो यमुना साफ हो जाएगी। दिल्ली के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का दौरा किया जा रहा है यह देखने के लिए कि वे अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं या नहीं। अगर हम सारा सीवेज रोक लेते हैं,तो हमारी यमुना साफ हो जाएगी। औद्योगिक कचरे के बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ बैठक करेंगे। सभी अनधिकृत उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,चाहे वे दिल्ली में हों या हरियाणा में।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने तिमारपुर में ऑक्सीडेशन तालाब पर 80 से 85 करोड़ रुपये खर्च किए और काम भी शुरू नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह जमीन आप की पिछली सरकार के भ्रष्टाचार का नमूना है। इसने इस जमीन के लैंडस्केपिंग पर 35 करोड़ रुपये और तालाबों पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए, कुल 80-85 करोड़ रुपये। पैसे कहां गए,इसकी जांच की जाएगी। वे यहां सीवेज ट्रीटमेंट का प्रस्ताव लाए और कोई काम शुरू भी नहीं हुआ। इस लैंडस्केप पर और पैसा खर्च नहीं किया जाएगा।
इससे पहले परवेश वर्मा ने कहा था कि राज्य सरकार की योजना आखिरकार राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में पानी के वितरण के लिए टैंकर प्रणाली से छुटकारा पाने की है। उन्होंने कहा कि सरकार की दीर्घकालिक योजना सीधे नल से पानी उपलब्ध कराने की है। हमारी दीर्घकालिक योजना यह है कि दिल्ली के हर घर में सीधे नल से पानी पहुँचे ताकि टैंकर प्रणाली को धीरे-धीरे बंद किया जा सके। यह हमारी सरकार की पारदर्शिता और सुशासन का मॉडल है। उन्होंने कहा कि पहले पानी के टैंकरों के लिए कोई प्रबंधन प्रणाली नहीं थी और जानकारी दी कि दिल्ली के लोग अब एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से टैंकर के स्थान को ट्रैक कर सकते हैं।