न्याय की दिशा में मजबूत कदम;रेखा सरकार ने 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को दी नौकरी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि 1984 के दंगे भारत के इतिहास का एक दुखद अध्याय हैं। इनमें अपनों को खोने वालों के दर्द की कोई भरपाई नहीं हो सकती। यह नियुक्तियां केवल नौकरियां नहीं, बल्कि 40 साल के संघर्ष के बाद न्याय और सम्मान का प्रतीक हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवारों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपे। दिल्ली सचिवालय में आयोजित इस भावनात्मक समारोह में कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा,दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और पीड़ित परिवारों के सदस्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि 1984 के दंगे भारत के इतिहास का एक दुखद अध्याय हैं। इनमें अपनों को खोने वालों के दर्द की कोई भरपाई नहीं हो सकती। यह नियुक्तियां केवल नौकरियां नहीं, बल्कि 40 साल के संघर्ष के बाद न्याय और सम्मान का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 125 परिवारों के लिए नौकरियां स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 19 लोग अपनी सेवाएं शुरू कर रहे हैं। यह कदम पीड़ितों की गरिमा और अधिकारों की बहाली का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री ने कश्मीरी विस्थापित परिवारों के लिए हरसंभव सहायता और इमरजेंसी में लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वालों को सम्मान देने का भी वादा किया। साथ ही कहा कि कोविड पीड़ित परिवारों के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है।
न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम
समारोह के दौरान मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे व्यक्तिगत जीत बताते हुए कहा कि यह न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने पीड़ितों को अनदेखा किया, लेकिन हमारी सरकार ने 100 दिनों में वह कर दिखाया, जो दशकों में नहीं हुआ।
न्याय दिलाने में डीएसजीएमसी की अहम भूमिका
सोमवार को 1984 के सिख दंगों के पीड़ित परिवारों के सदस्यों को नौकरी के नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। इस कार्य में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने अहम भूमिका निभाई। पीड़ित परिवारों के सदस्यों को नियुक्ति पत्र सौंपने के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मोदी सरकार की संवेदनशीलता और डीएसजीएमसी की लगातार कोशिशों की सराहना की।
डीएसजीएमसी ने बीते वर्षों में लगातार पीड़ित परिवारों की पहचान,दस्तावेजीकरण और पुनर्वास की दिशा में काम किया। कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने आयोजन की व्यवस्था संभाली। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएसजीएमसी के सहयोग से आज जो पहल हुई है, वह केवल रोजगार देने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि 1984 के घावों पर मरहम रखने का प्रयास है।
सिरसा ने कहा कि अब तक 600 से अधिक पीड़ित परिवारों की पहचान की गई है और उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से नौकरी दी जाएगी। कार्यक्रम में डीएसजीएमसी के वरिष्ठ सदस्य आत्मा सिंह लुबाना सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।