Oxygen Plant to be Established at Haldwani s Dr Sushila Tiwari Hospital for TB Patients टीबी-चेस्ट विभाग में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू , Haldwani Hindi News - Hindustan
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टीबी-चेस्ट विभाग में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू

हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यह निर्णय आपके प्रिय अखबार 'हिन्दुस्तान' की पहल के बाद लिया गया है। इससे गंभीर टीबी मरीजों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, हल्द्वानीMon, 9 June 2025 11:46 AM
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टीबी-चेस्ट विभाग में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू

हल्द्वानी। डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) के टीबी एंड चेस्ट विभाग में जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्लांट के मुद्दे को आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया। प्लांट लगने से न केवल मरीजों को रेफर होने की समस्या से निजात मिलेगी, बल्कि देश को टीबी मुक्त बनाने की सरकारी मुहिम को भी बल मिलेगा। एसटीएच के टीबी-चेस्ट विभाग में पर्वतीय व मैदानी इलाकों से इलाज को प्रतिदिन 90 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमें से ज्यादा मरीजों की हालत गंभीर होती है।

इन मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। विभाग में मात्र 30 बेड होने के चलते नए भवन का निर्माण कराया गया। 60 बेड का यह अस्पताल बन कर तैयार तो हो गया, लेकिन भवन में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने के चलते मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। आर्थिक रूप से कमजोर गंभीर मरीज भर्ती नहीं होने से मायूस होकर घर को लौट जा रहे थे। आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान ने मामले को बोले हल्द्वानी कार्यक्रम के तहत बीते 5 जून के अंक में ‘ऑक्सीजन प्लांट लगेगा तभी टीबी मरीजों को बेड मिलेगा शीर्षक के साथ प्रकाशित किया था। जिसमें टीबी के इलाज के लिए आ रहे मरीजों की परेशानियों को प्रमुखता से उठाया गया था। जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने नए भवन के लिए प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्लांट कहां पर कैसे लगना है इसे लेकर देहरादून से इंजीनियर की एक टीम ने करीब दो दिन पहले भवन का निरीक्षण किया है। यहां शीघ्र ही ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। 24 घंटे पड़ती है ऑक्सीजन की जरूरत टीबी पीड़ित मरीज के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। फेफड़ों में ऑक्सीजन अवशोषण की क्षमता कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में बीमारी अधिक जटिल हो जाती है, और फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। मरीजों में हाइपोक्सिया (खून में ऑक्सीजन की कमी) हो जाती है। जिसके लिए सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। नए भवन में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा था, जिसके चलते मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। देहरादून से आई इंजीनियरों की टीम ने प्लांट लगाने को लेकर मौका मुआयना किया है। टीम से 15 दिन के भीतर हर हाल में प्रपोजल बनाकर देने को कहा है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द प्लांट लगे ताकि मरीजों को नए भवन में भर्ती किया जा सके। डॉ. आरजी नौटियाल, विभागाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट विभाग, एसटीएच।

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