नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यहां बनेंगे 2 अंडरपास, इन सेक्टरों और गांवों तक होगी सहूलियत
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बनने वाले दो अंडरपास को बनाने के लिए 15 एजेंसियां आगे आई हैं। अब इन एजेंसियों की फाइनेनशियल बिड खोली जाएगी। जिस एजेंसी ने सबसे कम रेट पर अंडरपास बनाने का दावा किया होगा, उसको काम का जिम्मा दे दिया जाएगा।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बनने वाले दो अंडरपास को बनाने के लिए 15 एजेंसियां आगे आई हैं। अब इन एजेंसियों की फाइनेनशियल बिड खोली जाएगी। जिस एजेंसी ने सबसे कम रेट पर अंडरपास बनाने का दावा किया होगा, उसको काम का जिम्मा दे दिया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-128 सुल्तानपुर और सेक्टर-168 झट्टा गांव के सामने अंडरपास बनने हैं। सुल्तानपुर गांव के सामने सेक्टर-128, 129, 132 और सेक्टर-108 के बीच इसे बनाया जाना है। इस अंडरपास की लागत करीब 81 करोड़ 61 लाख रुपये अनुमानित है। दूसरा, झट्टा अंडरपास सेक्टर-145, 146, 155, 159 और 168 के बीच बनाया जाना है। इसकी लागत टेंडर में 99 करोड़ 74 लाख रुपये अनुमानित है। सुल्तानपुर का अंडरपास बनाने के लिए सात और झट्टा अंडरपास बनाने के लिए आठ एजेंसी आगे आई हैं। अगर इसी टेंडर प्रक्रिया के तहत एजेंसी का चयन हो जाता है तो अगस्त से दोनों अंडरपास का काम शुरू हो सकता है।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी बिड के तहत संबंधित एजेंसियों के कागजात जांचे जा रहे हैं। एक सप्ताह बाद फाइनेनशियल बिड खोली जाएगी। इस बिड के जरिए एजेंसियों की आर्थिक स्थिति जांची जाती है। इसके अलावा यह देखा जाता है कि अंडरपास बनाने के लिए एजेंसियों ने क्या-क्या रेट दिए हैं। नियमों के तहत जो एजेंसी सबसे कम लागत में अंडरपास बनाने को तैयार होती हैं, उसी को निर्माण कार्य का जिम्मा दिया जाता है। गौरतलब है कि इन दोनों अंडरपास के लिए एक बार पहले भी टेंडर जारी किया गया था, लेकिन एजेंसियां मानक पूरा नहीं कर सकी थीं। प्राधिकरण के इंजीनियरों के मुताबिक अंडरपास का काम अलग-अलग हिस्सों में होगा। पहले चरण में दोनों छोर पर सर्विस रोड से जुड़ा ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके बाद एक्सप्रेसवे की एक-एक सड़क पर अंडरपास का ढांचा बनाया जाएगा ताकि दोनों तरफ एक साथ ट्रैफिक डायवर्जन न करना पड़े।
डेढ़ वर्ष में बनाकर तैयार कराने का लक्ष्य
नोएडा विकास प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि दोनों अंडरपास के निर्माण के लिए समय-सीमा 18 महीने तय की गई है। ये दोनों अंडरपास डायाफ्राम तकनीक पर बनाए जाएंगे। इस तकनीक के तहत खुदाई के पहले डायाफ्राम दीवार बनाई जाएगी। इसके बाद दो तरफ जमीन के अंदर यह दीवार बनाकर उसके ऊपर अंडरपास की छत ढाल दी जाएगी। इसके सूखने के बाद मजबूत होने में करीब 26 दिन का समय लगेगा। अधिकारियों ने बताया कि फिर सड़क बनाकर ऊपर ट्रैफिक खोल दिया जाएगा।
ढाई साल में तीन अंडरपास बनकर हुए तैयार
नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर करीब ढाई साल में तीन अंडरपास बनकर तैयार हुए हैं। इनमें सेक्टर-96, 142 सफीपुर और 142 एडवेंट अंडरपास शामिल हैं। इन अंडरपास के बनने से एक्सप्रेसवे के एक-दूसरे हिस्से में आने-जाने वालों का सफर काफी आसान हुआ है।