दिल्ली में पुराने वाहनों के लिए 'नो फ्यूल पॉलिसी' कब से लागू होने की उम्मीद? आ गया अपडेट
दिल्ली सरकार ने 1 अप्रैल को पुरानी कारों के लिए नो फ्यूल पॉलिसी लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन सभी स्थानों पर उपकरण नहीं लगाए जाने के कारण समय सीमा चूक गई। इस बारे में अब एक अपडेट आया है
दिल्ली में पुराने वाहनों के लिए 'नो फ्यूल पॉलिसी' कब से लागू होने की संभावना है, इस बारे में एक अपडेट आया है। पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक यह प्रणाली लागू हो जाएगी। अधिकारी ने बताया कि मौजूदा वक्त में दिल्ली में 477 फ्यूल रिफिलिंग स्टेशनों पर वाहनों की उम्र का पता लगाने वाली प्रणाली लगा दी गई है। 23 स्टेशनों पर यह सिस्टम नहीं लगा है। कुल मिलाकर दिल्ली सरकार पुराने वाहनों के लिए 'नो फ्यूल पॉलिसी' लागू करने से केवल 23 फ्यूल रिफिलिंग स्टेशन दूर है।
वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि अब तक 372 पेट्रोल पंपों और 105 सीएनजी रिफिलिंग स्टेशनों पर पुराने वाहनों की पहचान के लिए उपकरण लगाया जा चुका है। बाकी रिफिलिंग स्टेशनों पर अगले 10 से 15 दिनों में यह सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक यह प्रणाली लागू हो जाएगी। बता दें कि दिल्ली सरकार ने 1 अप्रैल को पुराने वाहनों के लिए 'नो फ्यूल पॉलिसी' लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन सभी स्थानों पर सिस्टम नहीं लगाए जाने के कारण समय सीमा चूक गई।
पर्यावरण विभाग के अधिकारी ने कहा कि हमने 477 फ्यूल रिफिलिंग स्टेशनों पर सिस्टम लगाने का काम पूरा कर लिया है। अब केवल 23 फ्यूल रिफिलिंग स्टेशन ही बचे हैं। खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा इस नीति को लागू करने की प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। इस महीने के अंत तक पूरी तरह से इसे लागू कर दिया जाएगा। इससे पहले सिरसा ने कहा था कि दिल्ली सरकार इस योजना को समय पर पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इस नीति को आंशिक रूप से लागू करने के बजाय पूरी तरह अमल में लाने के लिए थोड़ी देरी बेहतर है।
दिल्ली सरकार ने मार्च में इस नीति का खुलासा किया था। इसमें दिल्ली के रिफिलिंग स्टेशन 15 और 10 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को फ्यूल नहीं देंगे। दिल्ली में 500 ईंधन रिफिलिंग स्टेशन हैं। इस कदम का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में पलूशन पर लगाम लगाना है। बता दें कि ओवरएज वाहनों के लिए नो फ्यूल पॉलिसी लागू करने के लिए रिफिलिंग स्टेशनों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये पंजीकरण वर्ष के आधार पर वाहनों की उम्र की पहचान कर लेंगे। ये कैमरे यह भी पता लगा लेंगे कि किसी वाहन के पास वैध पलूशन कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट है या नहीं।