सौरभ भारद्वाज भी अब भ्रष्टाचार के मामले में फंसे, AAP के लिए क्यों बड़ा झटका?
दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने 24 अस्पतालों के निर्माण में अनियमतिताओं में कथित भागीदारी को लेकर सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच की इजाजत मांगी है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली आम आदमी पार्टी इस वक्त कई चुनौतियों से घिरी हुई है। सबसे बड़ी चुनौती मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाते हुए लोगों में पार्टी के लिए वही विश्वास पैदा करना जो पहले था। इसी विश्वास की बदौलत पार्टी ने दिल्ली में 10 साल राज किया लेकिन इस चुनाव में 22 सीटों पर सिमट गई। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। इसके पीछे कई फैक्टर थे। एक फैक्टर आप नेताओं के खिलाफ चलने वाले मुकदमे भी थे जिसकी वजह से अरविंद केजरीवाल समेत कई बड़े नेता महीनों जेल भी जा चुके हैं।
इस बार अब आम आदमी पार्टी के एक और नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले जांच शुरू करने की इजाजत मांगी गई है। ये हैं पार्टी के तेज तर्रार नेता सौरभ भारद्वाज। इन्हें पार्टी की दिल्ली इकाई का अध्यभ भी बनाया गया है। उनके साथ-साथ सत्येंद्र जैन के खिलाफ भी जांच शुरू करने की अनुमति मांगी गई है लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में सौरभ भारद्वाज का नाम सामने आना पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।
किस मामले को लेकर जांच
दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने 24 अस्पतालों के निर्माण में अनियमतिताओं में उनकी कथित भागीदारी को लेकर जांच की इजाजत मांगी है। इन 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए साल 2018-19 में 5590 करोड़ रुपए सैंकशन किए गए थे। पिछली सरकार में सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन मंत्री थे, ऐसे में इन दोनों नेताओं के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी गई है। एसीबी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि विजेंद्र गुप्ता ने सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
सौरभ भारद्वाज के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच पार्टी के लिए बड़ा झटका
आम आदमी पार्टी के जिन नेताओं पर केस चल रहे हैं उनमें सत्येंद्र जैन भी शामिल हैं। वह कई मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं और जेल भी जा चुके हैं। लेकिन ये पहली बार है जब किसी मामले में सौरभ भारद्वाज का नाम सामने आया हो। इससे पहले तक वह साफ सुथरी छवि वाले नेता ही जाने जाते रहे हैं और। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के बाद पार्टी ने सौरभ भारद्वाज को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए दिल्ली ईकाई का मुखिया नियुक्त कर दिया। उनकी जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं के खोए मनोबल को लौटाकर एक बार फिर पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा करने की थी। सौरभ भारद्वाज ने पिछले 2 महीने काफी मेहनत की और पार्टी को दोबारा उठाने में थोड़े कामयाब भी हुए लेकिन अब इस केस के चलते इस पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सौरभ भारद्वाज के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के चलते दिल्ली आप के कार्यकर्ताओं का मनोबल और भी गिर सकता है।
इसके अलावा सत्येंद्र जैन को हाल ही में पंजाब आप का को-इनचार्ज बनाया गया है। ऐसे में उनके खिलाफ जांच का असर पंजाब के कार्यकर्ताओं पर भी पड़ सकता है, वो भी ऐसे समय में जब पार्टी साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। फिलहाल पंजाब ही केवल ऐसा राज्य है जहां आप सत्ता में हैं।